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डिनर बहिष्कार राजनीति: राष्ट्रपति के डिनर में पार्टी अध्यक्ष को बुलाने की नहीं है परंपरा

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आपत्ति जताई कि काग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को नहीं बुलाया गया लिहाजा वह भी नहीं जाएंगे।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 08:11 PM (IST)Updated: Wed, 26 Feb 2020 02:14 AM (IST)
डिनर बहिष्कार राजनीति: राष्ट्रपति के डिनर में पार्टी अध्यक्ष को बुलाने की नहीं है परंपरा
डिनर बहिष्कार राजनीति: राष्ट्रपति के डिनर में पार्टी अध्यक्ष को बुलाने की नहीं है परंपरा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत डिनर का बहिष्कार कांग्रेस को ही असहज कर सकता है। दरअसल जिस तरह कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति के निमंत्रण को सिर्फ इस वजह से ठुकराया कि उसमें कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को नहीं बुलाया गया है वह परिवारवाद की भावना को बुलंद करता है। वहीं विदेशी मेहमान के सामने यह आचरण सवाल खड़ा करता है। जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस के अंदर ही यह आवाज उठने लगी है कि अब कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव होना चाहिए। जाहिर तौर पर गांधी परिवार से बाहर के अध्यक्ष का संकेत दिया जा रहा है।

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राष्ट्रपति के डिनर में सोनिया को न बुलाने से आमंत्रित कांग्रेस नेताओं ने  निमंत्रण को ठुकराया

राष्ट्रपति के डिनर में कांग्रेस से तीन नेताओं का आमंत्रित किया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी। यह और बात है कि अधीर रंजन के के पास कोई संवैधानिक पद नहीं है। वह लोकसभा में विपक्ष के नेता सिर्फ कांग्रेस के नेता है। खैर, सबसे पहले विवाद भी चौधरी ने ही शुरू किया। उन्होंने आपत्ति जताई कि काग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को नहीं बुलाया गया है लिहाजा वह भी नहीं जाएंगे।

कांग्रेस के कार्यकाल में बुश और ओबामा के सम्मान में भोज में भाजपा अध्यक्ष को नहीं बुलाया था

परंपरा के अनुसार ऐसे भोज में किसी पार्टी के अध्यक्ष को नहीं बुलाया जाता है। कांग्रेस के दस साल के कार्यकाल में जार्ज डब्लू बुश और बराक ओबामा भारत आए थे और उनके सम्मान में आयोजित भोज में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष को निमंत्रित नहीं किया गया था। 2015 में जब ओबामा दोबारा आए थे तो जरूर सोनिया गांधी को आमंत्रित किया गया था, लेकिन तब प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति थे और व्यक्तिगत मित्रता के कारण उन्हें बुलाया गया था।

चौधरी के बयानों के बाद बाकी दो नेताओं ने भी डिनर से दूर रहने का लिया फैसला 

बताया जाता है कि चौधरी के बयानों के बाद कांग्रेस के बाकी दो नेताओं ने भी डिनर से दूर रहने का फैसला किया। डा मनमोहन सिंह ने स्वास्थ्य का कारण बताया जबकि आजाद पहले निमंत्रण स्वीकार कर चुके थे, लेकिन बाद में खेद जता दिया।


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