जब प्रचार नहीं कर सकते तो चुनाव क्यों न रद हो भवानीपुर उपचुनावः दिलीप घोष
चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सोमवार को भाजपा और तृणमूल कार्यकर्ताओं में मारपीट हुई। नाराज भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि अगर हम चुनाव प्रचार नहीं कर सकते तो यहां उपचुनाव कराने का कोई मतलब नहीं है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल की हाई प्रोफाइल सीट भवानीपुर में 30 सितंबर को उपचुनाव होना है। यहां से मुख्यमंत्री और तृणमूल उम्मीदवार ममता बनर्जी को टक्कर देने के लिए भाजपा नेता प्रियंका टिबड़ेवाल मैदान में हैं। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सोमवार को भाजपा और तृणमूल कार्यकर्ताओं में जमकर मारपीट हुई। हालात इतने खराब हो गए कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष के गनर को पिस्टल लहरानी पड़ी।
पूरे घटनाक्रम से नाराज घोष का कहना है कि अगर हम चुनाव प्रचार नहीं कर सकते तो यहां उपचुनाव कराने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने चुनाव आयोग से उपचुनाव रद करने की मांग की है। दिलीप घोष ने बताया- जब मैं आज भवानीपुर में चुनाव प्रचार कर रहा था, इसी दौरान तृणमूल कार्यकर्ताओं ने मुझे गालियां दीं। मैं एक वैक्सीनेशन सेंटर में कुछ लोगों से मिल रहा था। तभी कुछ लोगों ने मुझे घेर लिया और धक्का-मुक्की करने लगे। हमारे एक कार्यकर्ता को बुरी तरह पीटा गया। मुझ पर भी हमला हुआ। मेरे सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोकने की कोशिश की और उन्होंने हमलावरों को डराने के लिए अपनी बंदूकें निकाल लीं।
अर्जुन सिंह को भी घेर लिया गया और उन्हें 'वापस जाओ' के नारों के बीच इलाका छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस दौरान पुलिस ने हमारी कोई मदद नहीं की। घोष ने कहा कि चुनाव आयोग सब कुछ जानता है। हमने उनसे दिल्ली और कोलकाता में कई बार शिकायत की है। इसके बावजूद सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए। अगर हम मतदाताओं तक नहीं पहुंच सकते तो चुनाव कराने का कोई मतलब नहीं है। यहां के लोग लगातार डर में जी रहे हैं।
दिलीप घोष ने वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया, 'राज्य में एक आम आदमी का जीवन कैसे सुरक्षित हो सकता है जब उनके प्रतिनिधि पर हमला हो रहा है, जो कि मैडम चीफ मिनिस्टर का गढ़ है। वहीं, तृणमूल ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि दिलीप घोष के सुरक्षा गार्ड ने दिन के उजाले में बंदूक तानी थी जो कि पूरी तरह से शर्मनाक है। भवानीपुर समेत तीन सीटों पर 30 सितंबर को उपचुनाव होने हैं।