दिग्विजय बोले, गांधी परिवार के बिना कांग्रेस नहीं, मोदी से केवल राहुल ही लड़ सकते हैं
वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के अचानक छत्तीसगढ़ दौरे से राज्य का सियासी पारा चढ़ गया है। उन्होंने कहा है कि गांधी परिवार के बिना कांग्रेस को नहीं देखा जा सकता है।
रायपुर, जेएनएन। अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बुधवार अचानक छत्तीसगढ़ दौरे से राज्य का सियासी पारा चढ़ गया। दिग्विजय प्रदेश में सिर्फ 13 घंटे रहे, लेकिन अलग-अलग कयास लगाए जाने लगे हैं। कांग्रेस नेताओं के सामंजस्य से लेकर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के कांग्रेस में विलय तक की चर्चा सियासी गलियारे में चल रही है। भोपाल रवाना होने से पहले सिंह ने मीडिया से चर्चा में कहा कि गांधी परिवार के बिना कांग्रेस को नहीं देखा जा सकता है।
मोदी से राहुल ही लड़ सकते हैं
वरिष्ठ कांग्रेस नेता (Digvijaya Singh) ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल ही लड़ सकते हैं। दरअसल, कांग्रेस की अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी का कार्यकाल 10 अगस्त को पूरा हो रहा है। सिंह के दौरे को कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति से भी जोड़कर देखा जा रहा है। इससे पहले सिंह कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, मंत्री टीएस सिंहदेव से 13 घंटे में साढ़े चार घंटे चर्चा की। इस चर्चा के बाद गुरुवार सुबह सिंह पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को श्रद्धांजलि देने सागौन बंगले पहुंचे।
अमित जोगी ने दिग्विजय की तारीफ की
सिंह की जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष अमित जोगी ने अगवानी की और दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक चर्चा हुई। सिंह के सागौन बंगले से लौटने के बाद अमित ने एक ट्वीट किया। इस ट्वीट के भी कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। अमित ने लिखा-पापा के पांच दशकों से अभिन्न मित्र रहे मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रायपुर निवास में मुझे सांत्वना दी। पापा के जाने के बाद ऐसे चुनिंदा व्यक्ति बचे हैं, जो मेरा मार्गदर्शन कर सकते हैं। दिग्विजय अंकल, जिन्होंने अपने जीवन में सदैव संबंधों को राजनीति से अधिक महत्व दिया, उनमें से एक हैं।
सियासी हलचल बढ़ी
दरअसल, छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद प्रदेश का पहला मुख्यमंत्री अजीत जोगी को बनवाने में दिग्विजय सिंह की भूमिका अहम मानी जाती है। उस समय दिग्विजय मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और कांग्रेस की तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी का संदेश लेकर रायपुर आए थे। जोगी के मुख्यमंत्री बनने की घोषणा के साथ विरोधी खेमे के नेताओं ने दिग्विजय का कुर्ता तक फाड़ दिया था। अब अमित जोगी ने अपने ट्वीट में दिग्विजय को मार्गदर्शक बताकर सियासी हलचल बढ़ा दी है।
दिग्गी के प्रदेश प्रभारी बनने की भी चर्चा
कांग्रेस का एक गुट यह चर्चा कर रहा है कि दिग्विजय सिंह को छत्तीसगढ़ का प्रदेश प्रभारी बनाया जा सकता है। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि वर्तमान प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया को दिल्ली का प्रदेश प्रभारी बनाया जा रहा है। पुनिया संसदीय सचिवों के शपथ ग्रहण समारोह में आए थे, लेकिन उसी दिन दिल्ली रवाना हो गए। जबकि अगले दिन ही मरवाही उपचुनाव को लेकर गौरेला में बैठक थी। कांग्रेस प्रदेश पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की बैठक थी। इन बैठकों में प्रभारी सचिव चंदन यादव शामिल हुए, लेकिन पुनिया रवाना हो गए।