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कांग्रेस के साफ्ट हिंदुत्व की दिग्विजय सिंह व कांतिलाल भूरिया ने निकाली हवा, कमल नाथ की कोशिशों को लगा धक्का

हनुमान भक्त की छवि गढ़ने में लगे पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को नगरीय निकाय चुनाव के पहले मुश्किलों की राह पर उनके नेताओं ने ही पीछे धकेल दिया। कांग्रेस नेताओं के हिंदू विरोधी बयानों ने कांग्रेस के साफ्ट हिंदुत्व पर चलने के प्रयासों पर पानी फेर दिया है।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Wed, 03 Feb 2021 10:14 PM (IST)Updated: Wed, 03 Feb 2021 10:15 PM (IST)
कांग्रेस के साफ्ट हिंदुत्व की दिग्विजय सिंह व कांतिलाल भूरिया ने निकाली हवा, कमल नाथ की कोशिशों को लगा धक्का
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कांतिलाल भूरिया कमल नाथ

 भोपाल, धनंजय प्रताप सिंह। कांग्रेस की खुद को हिंदू धर्म का करीबी साबित करने की कोशिशों को उसके वरिष्ठ नेताओं ने ही पटरी से उतार दिया है। पहले, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा देने के साथ सवाल उठा कर गलतबयानी की। पीएम मोदी को पत्र लिखकर पूछा था कि अयोध्‍या में राम मंदिर निर्माण के लिए किसे चंदा दूं? अब पार्टी को दुविधा में डालने का काम पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया ने किया है। 

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राम मंदिर निर्माण के लिए चंदे को लेकर दोनों नेताओं ने उठाए सवाल

राम को लेकर विवादास्पद बयान (राम मंदिर के चंदे से दारू पी रहे भाजपाई) के बाद पार्टी बैकफुट पर है। दोनों नेताओं के बयानों ने कई महीनों से साफ्ट हिंदुत्व की राह पर चलकर लोगों का समर्थन जुटाने में लगे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ की कोशिशों को झटका दिया है। हनुमान भक्त की छवि गढ़ने में लगे मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को नगरीय निकाय चुनाव के पहले मुश्किलों की राह पर उनके नेताओं ने ही पीछे धकेल दिया है। कांग्रेस नेताओं के हिंदू विरोधी बयानों ने कांग्रेस के साफ्ट हिंदुत्व पर चलने के अब तक के प्रयासों पर पानी फेर दिया है। 

राहुल गांधी ने भी अपनाया था साफ्ट हिंदुत्व का मार्ग 

ज्ञात हो कि मानसरोवर यात्रा से लौटने के बाद खुद को शिवभक्त बताने वाले कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने 2018 में मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले चित्रकूट के कामतानाथ मंदिर में पूजा की थी। दरअसल, भाजपा की कट्टर हिंदूवादी छवि से मुकाबला करने के लिए राहुल गांधी ने साफ्ट हिंदुत्व का मार्ग अपनाया था। धर्मनिरपेक्षता का दंभ भरने वाली कांग्रेस ने यहीं से हिंदुत्व की पिच पर बल्लेबाजी शुरू की और मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों के चुनाव में हिंदुत्व को ही आधार बनाकर चुनाव लड़ा था। 

मध्य प्रदेश में तो कांग्रेस ने 21 सितंबर 2018 से 'राम वनगमन पथ यात्रा' निकाली थी। राहुल गांधी ने चित्रकूट के राम दरबार से हिंदुत्व का जो कार्ड खेला, उससे कांग्रेस को मध्य प्रदेश में सफलता भी मिली थी। हिंदुत्व का कार्ड खेलने में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी भी पीछे नहीं रहीं। वे भी कई मंदिरों में गई। 

हनुमान भक्त हैं कमल नाथ

राहुल-प्रियंका के हिंदुत्व कार्ड की तुलना में कमल नाथ का रुख हिंदुत्व के प्रति नरम ही रहा है। वे खुद को हनुमान भक्त बताते आए हैं, अपने गृह नगर छिंदवाड़ा में हनुमानजी की विशालकाय मूर्ति लगवाई है। वे हनुमान चालीसा का पाठ भी कराते हैं। मध्य प्रदेश के 2018 के विधानसभा चुनाव में भी कमल नाथ ने घोषणा पत्र में 23 हजार गांवों में गोशालाएं बनवाने और राम वनगमन पथ बनाने की घोषणा की थी। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमिपूजन के दौरान भी कमल नाथ ने कहा था कि मंदिर निर्माण का असली काम राजीव गांधी के कार्यकाल में ही शुरू हुआ था। मंदिर निर्माण के लिए कमल नाथ ने चांदी की 11 ईटें भी भेजी थीं। 

अब पूर्व मंत्री ने किया भूरिया का समर्थन 

अब मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री डा. गोविंद सिंह ने कांतिलाल भूरिया का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा ने 20 साल पहले भी राममंदिर निर्माण की ईटों के लिए चंदा किया था। भाजपा पहले उस चंदे का हिसाब दे। गौरतलब है कि भूरिया भी हिसाब मांग चुके हैं। 

कमल नाथ ने कही यह बात

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा कि कांग्रेस एक धर्म प्रेमी पार्टी है। हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, लेकिन हम कभी भी धर्म का उपयोग राजनीति में नहीं करते। राम मंदिर के निर्माण में हमारी भी आस्था है। हम भी चाहते हैं कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बने। भाजपा कुछ भी झूठ परोसती रहे, हमें उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। 


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