Move to Jagran APP

देवबंद का विवादित फरमान, गणतंत्र दिवस पर न गाएं वंदेमातरम और भारत माता की जय

दारुल उलूम देवबंद ने फरमान जारी कर गणतंत्र दिवस के मौके पर वंदेमातरम और भारत माता की जय के नारे लगाने से मना किया है।

By Tilak RajEdited By: Published: Fri, 25 Jan 2019 03:31 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jan 2019 03:33 PM (IST)
देवबंद का विवादित फरमान, गणतंत्र दिवस पर न गाएं वंदेमातरम और भारत माता की जय
देवबंद का विवादित फरमान, गणतंत्र दिवस पर न गाएं वंदेमातरम और भारत माता की जय

सहारनपुर, जेएनएन। प्रसिद्ध इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने फरमान जारी कर गणतंत्र दिवस के मौके पर 'वंदेमातरम' और 'भारत माता की जय' के नारे लगाने से मना किया है। इसके पीछे वजह यह दी है कि यह इस्लाम के विरुद्ध है और इसको कहने से ही देशभक्ति साबित नहीं होगी। बता दें किे कुछ दिनों पहले ही देवबंद ने गणतंत्र दिवस पर अपने छात्रों को बाहर घूमने-फिरने और रेल में सफर करने से मना किया था।

loksabha election banner

हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब देवबंद की ओर से ऐसा विवादित फतवा जारी किया है। मदरसा जामिया हुसैनिया के मुफ्ती तारिक कासमी ने कहा है कि इस्लाम में अल्लाह के सिवाए किसी और की इबादत नहीं की जा सकती है। यही वजह है कि मुसलमान भारत माता की जय या वंदे मातरम् नहीं बोल सकते। वे चाहे मदरसे के पढ़ने वाले छात्र हों या कोई भी अन्य मुस्लिम।

गौरतलब है कि 2017 में गणतंत्र दिवस के आसपास ट्रेन में सफर कर रहे कुछ अल्पसंख्यक छात्रों को बागपत के पास प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगा था। शायद यही वजह है कि दारुल उलूम देवबंद ने इस बार सर्कुलर जारी कर छात्रों को सचेत किया है। लेकिन लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संस्‍थान के इस सर्कुलर को राजनीति से जोड़कर भी देखा जा रहा है।

दारुल उलूम देवबंद वैश्विक पटल पर किसी परिचय का मोहताज नहीं। इस्लामी तालीम के लिए देश-दुनिया में परचम बुलंद कर रहे इस मशहूर इदारे की स्थापना 30 मई-1866 को हुई थी। यह अजीम इदारा 150 साल से भी अधिक समय से दुनियाभर में दीन व इस्लामी तालीम की रोशनी बिखेर रहा है। दारुल उलूम के कारण देवबंद आज फतवों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां से जारी फतवे दुनियाभर में शरीयत की रोशनी में मुसलमानों की रहनुमाई करते हैं। दारुल उलूम के फतवा विभाग से प्रतिवर्ष लगभग 7-8 हजार फतवे जारी होते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.