राजनीतिक दिशा तय करने पर माकपा में पहली बार उठी गुप्त मतदान की मांग
राजनीतिक दिशा तय करने के नाम पर सीताराम येचुरी व प्रकाश करात के खेमों में इतनी ज्यादा सिर फुटौव्वल हो गई कि एक खेमे की तरफ से इस पर गुप्त मतदान कराने की मांग की गई।
हैदराबाद (प्रेट्र)। एक के बाद एक करके लगातार चुनावी हार से जूझ रही माकपा की बैठक में कुछ ऐसा हुआ जो पहले कभी नहीं देखा गया। राजनीतिक दिशा तय करने के नाम पर सीताराम येचुरी व प्रकाश करात के खेमों में इतनी ज्यादा सिर फुटौव्वल हो गई कि एक खेमे की तरफ से इस पर गुप्त मतदान कराने की मांग की गई।
येचुरी का खेमा जहां कांग्रेस के साथ तालमेल को अच्छा मानता है, वहीं करात खेमा इसे राजनीतिक बेवकूफी करार देता है। उसका मानना है कि मौजूदा राजनीतिक हालात में माकपा को अपने सारे विकल्प खोलकर रखने चाहिए। लेकिन जिस तरह से राजनीतिक दिशा तय करने को गुप्त मतदान कराने की मांग उठी है, उससे पोलित ब्यूरो भी हिला हुआ है।
गौरतलब है कि माकपा कांग्रेस की बैठक इन दिनों यहां चल रही है। इसमें एक हजार से ज्यादा प्रतिनिधी भागीदारी कर रहे हैं। कांग्रेस तय करेगी कि अगले तीन सालों तक माकपा की राजनीतिक दिशा क्या रहे। कांग्रेस की समाप्ति पर इस आशय का प्रस्ताव जारी किया जाएगा। गुरुवार को ऑल इंडिया किसान सभा ने कहा कि अगर पार्टी सेकुलर दलों के साथ नहीं खड़ी होगी तो जनहित के मुद्दों पर भाजपा बाजी मार ले जाएगी। सभा ने किसान आंदोलन जैसी घटनाओं का हवाला दिया। येचुरी का कहना है कि स्टीयरिंग कमेटी को इस पर फैसला लेना है। हालांकि उनका तर्क है कि मतदान कोई गलत चीज नहीं है।
पार्टी में हाथ उठवाकर प्रतिनिधियों का मंतव्य समझने की परंपरा रही है, लेकिन गुप्त मतदान आज तक कभी नहीं हुआ। उधर, पोलित ब्यूरो के एक सदस्य ने कहा कि गुप्त मतदान से बचने के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी।