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Delhi Violence: रविशंकर प्रसाद बोले- सोनिया जी हमें 'राजधर्म' पर उपदेश ना दो

रविशंकर प्रसाद ने कहा सोनिया गांधी अपनी टिप्पणियों पर ध्यान दें हमें राजधर्म की नसीहत न दें।

By Nitin AroraEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 04:26 PM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 05:25 PM (IST)
Delhi Violence: रविशंकर प्रसाद बोले- सोनिया जी हमें 'राजधर्म' पर उपदेश ना दो
Delhi Violence: रविशंकर प्रसाद बोले- सोनिया जी हमें 'राजधर्म' पर उपदेश ना दो

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनकी पार्टी के नेताओं को फटकार लगाते हुए कहा कि वे केंद्र सरकार को 'राजधर्म' पर उपदेश ना दें। प्रसाद ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मनमोहन सिंह ने धर्म के कारण विस्थापित हुए लोगों के लिए नागरिकता के अधिकार की माँग की थी। अशोक गहलोत ने शिवराज पाटिल और यहां तक कि आडवाणी जी, दोनों तत्कालीन गृह मंत्रियों को पत्र लिखा था कि अन्य देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जानी चाहिए। फिर यह कैसा राज धर्म है कि आपने अपना रुख बदल दिया।

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उन्होंने आगे कहा कि सीएए का गठन संवैधानिक तरीकों का उपयोग करके और इसके द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करते हुए किया गया था। सीएए को दोनों सदनों में बहुत विचार-विमर्श के बाद पारित किया गया, पूरे देश ने इसे देखा। आपने पूर्व में भी इसका समर्थन किया था और तब आपने रामलीला मैदान में अपनी रैली में 'इस पार या उस पार का नारा दिया था'। आपने लोगों को क्यों उकसाया (सीएए के खिलाफ)।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) पर भी कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस 15 मार्च 2010 को एनपीआर के लिए एक अधिसूचना लाई। चिदंबरम गृह मंत्री थे, मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे और सोनिया गांधी उस समय UPA अध्यक्ष थीं। आपने यह शुरू किया और यह देश के लिए अच्छा था कि लोगों को मिलने वाली सुविधाओं के लिए एक रजिस्टर बनाया जाए। मेरे पास उस समय की लोकसभा की कार्यवाही का रिकॉर्ड है।

प्रसाद ने पूछा, 'जब आप कुछ करते हैं तो यह ठीक है, लेकिन जब हम करते हैं तो ये लोगों को उकसाते हैं। यह सोनिया जी किस तरह का राज है? बता दें कि गुरुवार को सोनिया गांधी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की मौजूदी में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला था। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस ने राष्ट्रपति कोविंद से केंद्रीय गृह मंत्री को हटाने का आह्वान करते हुए अमित शाह पर कर्तव्य के त्याग का आरोप लगाया था। वहीं, मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति से राजधर्म की रक्षा के लिए अपनी शक्ति का उपयोग करने का आग्रह किया था।


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