नेता प्रतिपक्ष मामले पर जल्द सुनवाई से दिल्ली HC ने किया इनकार, कहा- जल्दबाजी की नहीं जरुरत
दिल्ली होईकोर्ट ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले में जल्दबाजी करने की जरुरत नहीं है।
नई दिल्ली,एजेंसी। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने की मांग को लेकर दायर की गई याचिका पर बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में इस मामले में कोई जल्द सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। अब इस मामले पर सुनवाई के लिए 8 जुलाई का वक्त दिया गया है। मामले की सुनवाई कोर्ट की अवकाश पीठ द्वारा की गई है। सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि इस मामले में जल्दबाजी करने की क्या जरुरत है अभी वेकेशन चल रही है इसकी सुनवाई रेगुलर बेंच ही करेगी। याचिका में मांग की गई थी कि ओम बिरला को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने के लिए दिशा निर्देश जारी किए जाए।
यह याचिका एडवोकेट मनमोहन सिंह और शिष्मिता कुमारी द्वारा दायर की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि 17 वीं लोकसभा में कांग्रेस 52 सदस्यों के साथ विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी है। उन्होंने कहा कि कानून के तहत वह इस पद के असली दावेदार है। साथ ही कहा कि इस संबंध में कोई संशय की स्थिति नहीं है, क्योंकि इस नियुक्ति को लेकर कानून बिल्कुल स्पष्ट है। याचिका में यह भी कहा गया कि लोकसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी को विपक्ष का नेतृत्व प्रदान करने से रोकना गलत उदाहरण होगा और इससे लोकतंत्र कमजोर होगा।
साथ ही याचिका में कहा गया था कि सत्ता पक्ष पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए शक्तिशाली विपक्ष का होना जरुरी है। क्योंकि लोकतंत्र में सही से काम करने के लिए विरोध आवश्यक है। साथ ही कहा कि यह औचित्य नहीं है कि कांग्रेस इसलिए दावा नहीं कर सकती क्योंकि संसद में उसके पास कुल सांसदों का 10 फीसदी हिस्सा नहीं है। सदन में नेता प्रतिपक्ष के रूप में मान्यता राजनीतिक या अंकगणितीय फैसला नहीं है, बल्कि यह वैधानिक फैसला है।
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