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चीन से जारी गतिरोध के मसले पर राजनाथ सिंह ने पूर्व रक्षा मंत्रियों एके एंटनी और शरद पवार के साथ बैठक की

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व रक्षा मंत्रियों एके एंटनी और शरद पवार के साथ बैठक की। पूर्व रक्षा मंत्रियों को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने चीन सीमा पर चल रहे संघर्ष के बारे में जानकारी दी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 16 Jul 2021 06:12 PM (IST)Updated: Fri, 16 Jul 2021 09:34 PM (IST)
चीन से जारी गतिरोध के मसले पर राजनाथ सिंह ने पूर्व रक्षा मंत्रियों एके एंटनी और शरद पवार के साथ बैठक की
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व रक्षा मंत्रियों एके एंटनी और शरद पवार के साथ बैठक की।

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व रक्षा मंत्रियों एके एंटनी और शरद पवार के साथ बैठक की। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक पूर्व रक्षा मंत्रियों को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने ने चीन सीमा पर चल रहे संघर्ष के बारे में जानकारी दी। यह बैठक ऐसे समय हुई है जब सीमा पर चीनी जमावड़े को लेकर कांग्रेस सरकार पर आक्रामक रुख अपनाए हुए है।

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सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख पवार और वरिष्ठ कांग्रेस नेता एंटनी को अपने आवास पर बैठक के लिए बुलाया था। यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि 19 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। बता दें कि राजनाथ सिंह लोकसभा में सदन के उपनेता भी हैं। इससे पहले राज्यसभा में सदन के नवनियुक्त नेता पीयूष गोयल ने शरद पवार और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की।

यही नहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर बुधवार को दुशांबे में चीन के अपने समकक्ष वांग यी से मुलाकात कर चुके हैं। एक घंटे तक चली इस बैठक में पूर्वी लद्दाख में एलएसी से संबंधित मसलों के समाधान पर बात हुई। विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि इस बैठक में उन्‍होंने चीनी विदेश मंत्री को दो-टूक कहा है कि हमें सीमा पर यथास्थिति में एकतरफा बदलाव स्वीकार नहीं है।

समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक शंघाई सहयोग संगठन की विदेश मंत्रिस्तरीय बैठक से इतर हुई इस वार्ता में दोनों ही नेताओं ने जल्द ही वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की बैठक बुलाने पर सहमति जताई। भारत का कहना है कि संबंधों के विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में पूर्ण शांति बहाली आवश्यक है। सीमा पर यथास्थिति में एकतरफा बदलाव कतई स्वीकार्य नहीं है।

समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक चीन से चल रहे भारत के तनाव के बीच ड्रैगन फिर से वास्‍तविक नियंत्रण रेखा के करीब अपनी सेना के लिए स्‍थायी ढांचा बना रहा है। इस तरह के ढांचे के बन जाने से चीन की सेना भारत के साथ विवादित इलाके में कुछ ही देर में पहुंच सकती है। इस तरह का एक कैंप चीन की सीमा में अंदर और नाकुला लेक के ठीक पीछे बना है। यह वही जगह है जहां पिछले साल चीन और भारत की सेना आमने सामने आ गई थी।


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