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सैन्य सेवा के कारण मृत्यु होने पर पेंशनभोगियों के परिजन को विशेष पारिवारिक पेंशन

पेंशनभोगी की सैन्य सेवा की वजह से मृत्यु होने पर उसके परिजन को पूर्व सैन्य/असैन्य सेवा के संबंध में सामान्य पारिवारिक पेंशन के अतिरिक्त विशेष पारिवारिक पेंशन दिया जाएगा।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 04 Jul 2019 11:50 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jul 2019 11:50 PM (IST)
सैन्य सेवा के कारण मृत्यु होने पर पेंशनभोगियों के परिजन को विशेष पारिवारिक पेंशन
सैन्य सेवा के कारण मृत्यु होने पर पेंशनभोगियों के परिजन को विशेष पारिवारिक पेंशन

नई दिल्ली, प्रेट्र। रक्षा मंत्रालय ने सैन्य सेवा में फिर से नियोजित किए गए पेंशनभोगी की इस सेवा की वजह से मृत्यु होने पर उसके परिजन को पूर्व सैन्य/असैन्य सेवा के संबंध में सामान्य पारिवारिक पेंशन के अतिरिक्त विशेष पारिवारिक पेंशन (एसएफपी)/उदार पारिवारिक पेंशन (एलएफपी) देने का फैसला किया है।

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सत्रह जनवरी, 2013 से पहले सशस्त्र बलों के पेंशनभोगी जो सैन्य सेवा से सेवानिवृत्ति के बाद असैन्य विभागों में नियुक्त हो गए थे, उनके परिजन सैन्य हिस्से या असैन्य हिस्से में से जो भी उनके लिए लाभदायक हो उससे सामान्य पारिवारिक पेंशन (ओएफपी) पाने के हकदार थे। एक जनवरी, 2013 और 21 मार्च, 2013 के सरकारी आदेश के अनुसार यह फैसला किया गया कि सैन्य सेवा से सेवानिवृत्त होने के बाद असैन्य विभागों में फिर से रोजगार पाने वाले और मृत्यु पर्यत सैन्य पेंशन हासिल कर रहे सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों के परिजन अब असैन्य सेवा के अलावा सैन्य सेवा वाली पारिवारिक पेंशन भी प्राप्त कर सकेंगे।

अधिकारी ने कहा, 'रक्षा मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है कि सैन्य सेवा में फिर से नियोजित किए गए पेंशनभोगी की मृत्यु पर पूर्व सैन्य/असैन्य सेवा के संबंध में सामान्य पारिवारिक पेंशन के अतिरिक्त विशेष पारिवारिक पेंशन (एसएफपी)/उदार पारिवारिक पेंशन (एलएफपी) स्वीकार्य होगी बशर्ते अन्य शर्ते पूरी की जाती हों। साथ ही उसकी मृत्यु सैन्य सेवा की वजह से हुई हो।'

दिव्यांग पेंशन मुद्दे पर पूर्व सैनिकों ने सेना को पत्र लिखा

युद्ध में दिव्यांग हुए सैनिकों के संगठन ने सरकार के दिव्यांगों को मिलने वाली पेंशन पर कर लगाने के कदम का सेना द्वारा समर्थन करने का कड़ा प्रतिरोध किया है। संगठन ने कहा कि अधिकृत बयान जारी करते हुए किसी भी प्रकार के भेदभाव से पूरे सैनिक समुदाय के मनोबल पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

युद्ध में दिव्यांग हुए वीर (भारत) ने सेना को गुरुवार को इस मुद्दे पर पत्र लिखा है और अपनी चिंता जताई है। संगठन ने दावा किया है कि यह सर्वविदित है कि अभियान की प्रतिबद्धता, स्थानांतरण और अन्य दबावों के कारण दुनिया भर की सेनाओं में दिव्यांगता बढ़ी है।

सेना ने मंगलवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा था कि कुछ सालों से दिव्यांगता के लिए आयकर से छूट सहित मिले मुआवजे के चलते दिव्यांगता का दावा करने वाले कर्मियों की संख्या में इजाफा हुआ है। सरकार के कदम का समर्थन करने पर भूतपूर्व सैनिकों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। क्षुब्ध पूर्व सैनिकों में से कुछ कार्रवाई के दौरान गंभीर रूप से घायल हुए थे।


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