परमाणु त्रिकोण और जापान से मुद्रा बदलना भारत के लिए महत्वपूर्ण और फायदेमंद है
हमारे परमाणु हथियार आक्रामक नीति का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि शांति और स्थिरता के लिये महत्वपूर्ण साधन हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों को भारत के 'परमाणु त्रिकोण' हासिल करने और जापान के साथ मुद्रा अदला-बदली समझौते पर हस्ताक्षर करने के फायदों की जानकारी दी।
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार एक परमाणु त्रिकोण एक तीन-स्तरीय सैन्य बल संरचना है जिसमें जमीन से प्रक्षेपित होने वाले परमाणु मिसाइल, परमाणु मिसाइल से लैस पनडुब्बी और परमाणु बम और मिसाइलों से लैस सामरिक विमान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक समाप्त होने के बाद यह जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में मंत्रियों को जानकारी दी गई कि दोनों मुद्दे कैसे भारत के लिये महत्वपूर्ण और फायदेमंद हैं।
सूत्रों ने बताया कि जानकारी दिये जाने से मंत्रियों को इन दोनों मुद्दों पर सरकार की राय को व्यापक तरीके से रखने में मदद मिलेगी। आइएनएस अरिहंत हाल ही में अपने पहले डेटरेंस पेट्रोल (निवारण गश्त) से लौटी है। पनडुब्बी के इस अभ्यास से भारत के परमाणु त्रिकोण की पूर्ण स्थापना हुई। मोदी ने इसे वैसे लोगों के लिये माकूल जवाब करार दिया था जो 'परमाणु ब्लैकमेल' में शामिल होते हैं।
उन्होंने यह भी साफ कर दिया था कि 'हमारे परमाणु हथियार आक्रामक नीति का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि शांति और स्थिरता के लिये महत्वपूर्ण साधन हैं। शांति हमारी कमजोरी नहीं बल्कि ताकत है। हमारे परमाणु कार्यक्रम को विश्व शांति और स्थिरता को आगे बढ़ाने के भारत के प्रयासों के संबंध में देखा जाना चाहिए।'
भारत और जापान ने पिछले महीने 75 अरब डॉलर का द्विपक्षीय मुद्रा अदला-बदली समझौता किया था। यह कदम विदेशी मुद्रा विनिमय और देश के पूंजी बाजार में महती स्थिरता लाने में मदद करेगा। यह समझौता दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग की गहराई और विविधता को और प्रगाढ़ तथा व्यापक करेगा।