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चार राज्यों के चुनावों में लागू किया जाए, राजनीति में अपराधियों को रोकने का आदेश

चुनाव आयोग से मांग- चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में SC का अपराधियों का राजनीति में प्रवेश रोकने का आदेश प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Wed, 03 Oct 2018 09:49 AM (IST)Updated: Wed, 03 Oct 2018 09:49 AM (IST)
चार राज्यों के चुनावों में लागू किया जाए, राजनीति में अपराधियों को रोकने का आदेश
चार राज्यों के चुनावों में लागू किया जाए, राजनीति में अपराधियों को रोकने का आदेश

नई दिल्ली (माला दीक्षित)। चुनाव आयोग से मांग की गयी है कि चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में सुप्रीम कोर्ट का अपराधियों का राजनीति में प्रवेश रोकने का आदेश प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। चुनाव आयोग इस बारे में सभी राजनैतिक दलों को निर्देश जारी करें कि वे उम्मीदवार की शिक्षा, संपत्ति और आपराधिक पृष्ठभूमि के ब्योरे के बारे में विज्ञापन देकर लोगों को बताएं। ब्योरा बोल्ड अक्षरों में दिया जाये।

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कहा गया है कि आयोग निर्देश जारी करे कि प्रत्येक बैनर, पोस्टर, होर्डिंग्स के 20 फीसद हिस्स में में यह ब्योरा दिया जाये। इसके अलावा टीवी और रेडियो के विज्ञापन में 20 फीसद समय इस ब्योरे को बताने के लिए तय किया जाए। इतना ही नहीं, उम्मीदवार के अपराध का जो विवरण विज्ञापन में दिया जाए, उसमें सिर्फ कानून की धाराएं बताने के बजाए अपराध का विवरण दिया जाए जैसे धारा 302 हत्या, धारा 376 बलात्कार, धारा 498ए दहेज के लिए महिला को प्रताड़ित करना आदि बताया जाया।

चुनाव आयोग से यह मांग सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता रहे भाजपा नेता अश्वनी कुमार उपाध्याय ने ज्ञापन देकर की ही। इसके अलावा उपाध्याय ने प्रधानमंत्री को भी एक ज्ञापन दिया है, जिसमें कोर्ट के आदेश और विधि आयोग व चुनाव आयोग की राय को देखते हुए गंभीर अपराध में अदालत से आरोप तय होने वालों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए कानून बनाने की मांग की गई है।

मुख्य चुनाव आयुक्त को दिये गये ज्ञापन में उपाध्याय ने यह भी मांग की है कि राजनैतिक दलों को निर्देश दिया जाए कि वे नामांकन के बाद और मतदान से पहले कम से कम तीन बार पांच शीर्ष के अखबारों और पांच शीर्ष के टीवी चैनलों में इस बारे में विज्ञापन दें। यदि कोई राजनैतिक दल या उम्मीदवार इन निर्देशों का पालन न करे तो रिटर्निंग ऑफिसर को उसका नामांकन रद करने का आदेश दिया जाए। उम्मीदवार द्वारा निर्देशों का पालन न करने को चुनाव प्रभावित करना माना जाए और उसके आधार पर उसका चुनाव रद किया जाए। मांग की गई है कि दिशा-निर्देशों को आचार संहिता और चुनाव आदेशों में शामिल कर के प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।

मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने राजनीति में दागियों का प्रवेश रोकने के हाल में दिए गए फैसले में कहा था कि सरकार में सबसे बेहतर लोग आने चाहिए और सबसे बेहतर से आशय ऐसे लोगों से है जिनके ऊपर किसी तरह के आपराधिक आरोप न हों। कोर्ट ने निर्देश दिया था कि उम्मीदवार के आपराधिक रिकॉर्ड का ब्योरा राजनैतिक दल और उम्मीदवार स्वयं मतदाताओं को बताएंगे। मतदाताओं को उम्मीदवार की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे मे पता होना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने सरकार से कहा था कि वह अपराधियों का राजनीति में प्रवेश रोकने के लिए उचित कानून बनाए। उस फैसले में कोर्ट ने राजनैतिक दलों को उम्मीदवार की आपराधिक पृष्ठभूमि व अन्य जानकारियों का ब्योरा पार्टी की वेबसाइट पर डालने को कहा था, साथ ही नामांकन के बाद चुनाव क्षेत्र में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में इसका प्रचार करने को कहा था।


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