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माकपा महासचिव सीताराम येचुरी बोले, जब लोग मुश्किल में रह रहे हों तो कट्टर राष्ट्रवाद काम नहीं आता

माकपा ने गुरुवार को कहा कि जब लोग मुश्किल में रह रहे हों तो कट्टर राष्ट्रवाद काम नहीं आता।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 09:47 PM (IST)Updated: Thu, 24 Oct 2019 09:47 PM (IST)
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी बोले, जब लोग मुश्किल में रह रहे हों तो कट्टर राष्ट्रवाद काम नहीं आता
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी बोले, जब लोग मुश्किल में रह रहे हों तो कट्टर राष्ट्रवाद काम नहीं आता

 नई दिल्ली, प्रेट्र। महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए माकपा ने गुरुवार को कहा कि जब लोग मुश्किल में रह रहे हों तो कट्टर राष्ट्रवाद काम नहीं आता।

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 लोग नौकरियों और आर्थिक मंदी के कारण मुश्किल में

माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, 'सिर्फ इन दो राज्यों के ही नहीं बल्कि गुजरात, बिहार और केरल में हुए उपचुनावों के परिणाम भी यह दिखाते हैं कि जब लोग नौकरियों और आर्थिक मंदी के कारण मुश्किल में हों तो सांप्रदायिक कट्टर राष्ट्रवाद काम नहीं आता। महाराष्ट्र में उनका प्रचार अभियान था कि वे 200 से ज्यादा सीटें हासिल करेंगे जबकि हरियाणा में वे करीब 75 सीटों की बात कर रहे थे। लोगों की तरफ से संदेश साफ है कि भाजपा को पीछे धकेल दिया गया है।'

भाजपा के पराभव की शुरुआत

वहीं, भाकपा महासचिव डी. राजा ने कहा, 'लोगों ने उन्हें अपना फैसला सुनाया है कि उन्हें हलके में नहीं लिया जा सकता। उन्होंने भाजपा को बता दिया है कि असली मुद्दे क्या हैं- बेरोजगारी, रुपये में गिरावट, कीमतों में वृद्धि और आजीविका के मसले; न कि एनआरसी और अनुच्छेद-370 जिन पर भाजपा का चुनाव अभियान आधारित था। यह भाजपा के पराभव की शुरुआत है। आगामी दिनों वह वे पूरी तरह एक्सपोज हो जाएंगे।'

बेरोजगारी और कृषि संकट ज्‍यादा भारी हुए

भाकपा-माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने ट्वीट किया, 'हरियाणा और महाराष्ट्र में सरकार का स्वरूप कुछ भी हो, लेकिन हम कह सकते हैं कि बेरोजगारी और कृषि संकट, अनुच्छेद-370 और सावरकर पर कहीं ज्यादा भारी साबित हुए।'

गौरतलब है कि गुरुवार को घोषित किए हरियाणा और महाराष्‍ट्र के विधानसभा चुनावों में सत्‍तारूढ़ भाजपा को उम्‍मीद के मुताबिक सीटें नहीं मिलीं। महाराष्‍ट्र में भाजपा गठबंधन को 159 सीटें मिलीं हैं। वहीं कांग्रेस गठबंधन को 100 सीटें मिली हैं। जबकि हरियाणा में भाजपा को 40 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस को 31 सीटें मिली हैं। दोनों ही राज्‍यों में भाजपा की सीटें घटी हैं।  

 

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