आपराधिक रिकॉर्ड का विज्ञापन न देने पर उम्मीदवारों के खिलाफ दर्ज होगा अवमानना का केस
चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव से पूर्व अपने आपराधिक रिकॉर्ड के विज्ञापन नहीं देने वाले उम्मीदवारों को अवमानना के मामलों का सामना करना पड़ सकता है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव से पूर्व अपने आपराधिक रिकॉर्ड के विज्ञापन अखबारों और टीवी चैनलों में नहीं देने वाले उम्मीदवारों को अदालत की अवमानना के मामलों का सामना करना पड़ सकता है। वह उम्मीदवार जो अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार के खिलाफ आपराधिक मामलों की गलत जानकारी प्रचारित कर रहे हैं, उन्हें ऐसे भ्रष्ट आचरण के लिए जुर्माना भरना पड़ सकता है।
चुनाव के बाद होगी कार्रवाई
यह पूछे जाने पर कि अगर उम्मीदवारों ने आयोग के इन निर्देशों का पालन नहीं किया तो चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि ऐसा नहीं करने वाले उम्मीदवारों और उनके राजनीतिक दलों के खिलाफ चुनाव बाद कार्रवाई हो होगी। इसके तहत उनके खिलाफ चुनाव याचिका या सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का केस दर्ज हो सकता है।
यह पूछे जाने पर कि अगर कोई प्रत्याशी अपने प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ आपराधिक मामले होने का झूठा प्रचार करता है तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 171जी के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस धारा में भ्रष्ट आचरण वाले लोगों को दंडित किया जाता है और उन पर जुर्माना भी लगाया जाता है।
विज्ञापन कम से कम तीन बार प्रकाशित और प्रसारित करना जरूरी
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के बाद विगत 10 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के लिए अखबारों और टीवी चैनलों पर अपने आपराधिक मामलों का विज्ञापन अनिवार्य रूप से देने का प्रावधान किया था। चुनाव प्रक्रिया के दौरान यह विज्ञापन कम से कम तीन बार प्रकाशित और प्रसारित किए जाने जरूरी हैं।
चुनाव आयोग के यह दिशा-निर्देश पांच राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में नवंबर और दिसंबर में हो रहे विधानसभा चुनावों में प्रभावी हैं। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश के अनुसार राजनीतिक दलों को भी अपने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकार्ड का प्रचार-प्रसार करना होगा। आयोग का कहना है कि विज्ञापन का खर्च उम्मीदवार और उसकी पार्टी को ही उठाना होगा। यह खर्च भी उनके चुनाव खर्च में जुड़ेगा। चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जिन प्रत्याशियों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, उन्हें ऐसे विज्ञापन जारी करने की कोई आवश्यकता नहीं है।