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एनसीबीसी को संवैधानिक दर्जा एक सशक्त कदम : हुकुमदेव

देश में पिछड़ गए लोगों को सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने पर हुकुमदेव ने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sun, 12 Aug 2018 09:25 PM (IST)Updated: Sun, 12 Aug 2018 11:04 PM (IST)
एनसीबीसी को संवैधानिक दर्जा एक सशक्त कदम : हुकुमदेव

नई दिल्ली, प्रेट्र। भाजपा के प्रमुख ओबीसी नेता हुकुमदेव नारायण यादव ने कहा है कि देश में पिछड़ गए लोगों को सशक्त बनाने के लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) को संवैधानिक दर्जा देना एक दूरगामी और सशक्त कदम है।

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उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते राज्य सभा में 123वें संविधान संशोधन बिल, 2017 पारित करके राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) को संवैधानिक दर्जा दिया गया है। इससे आयोग को अन्य पिछड़ा वर्ग के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए अधिकाधिक अधिकार मिलेंगे। इसके बाद राज्यसभा के संशोधनों को दो अगस्त को लोकसभा में स्वीकृत मिली है।

भाजपा नेता हुकुमदेव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया कि उन्होंने देश के अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए यह कदम उठाकर उनके सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने कहा कि यह पुरानी मांग थी। लेकिन देर से पूरी हुई। अगर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की ही तर्ज पर अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग भी बनाया जाता तो देश में पिछड़े वर्ग के हालात कुछ अलग होते।

उन्होंने बताया कि पिछली सदी के आठवें दशक में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर ने गृह मंत्री चौधरी चरण सिंह का आरक्षण की नीति पर समर्थन हासिल कर लिया था। इसलिए बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल की अध्यक्षता में मंडल कमीशन का गठन हुआ और तीन दिसंबर, 1980 को रिपोर्ट सौंपी गई। लेकिन इस रिपोर्ट की सिफारिशों पर अमल में करीब दस साल लग गए।


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