'घर वापसी' के सहारे आंध्र में वापसी की कांग्रेस की कसरत, पूर्व सीएम फिर से पार्टी में लौटे
आंध्र में पार्टी को फिर से खड़ा करने को कांग्रेस हाईकमान सियासी रूप से बेहद अहम मान रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस ने बड़े राज्यों में अपने राजनीतिक वनवास का दौर खत्म करने की कसरत फिर से शुरू कर दी है। इस क्रम में आंध्रप्रदेश में पार्टी को नये सिरे से खड़ा करने के लिए कांग्रेस छोड़ कर गए महत्वपूर्ण नेताओं की 'घर वापसी' पर गंभीर पहल की जा रही है। आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी के फिर से कांग्रेस में लौटने के साथ ही इसकी शुरुआत हुई।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में किरण रेड्डी की वापसी इस बात का साफ संकेत है कि आंध्र में पार्टी को फिर से खड़ा करने को हाईकमान सियासी रूप से बेहद अहम मान रहा है। आंध्रप्रदेश के प्रभारी कांग्रेस महासचिव ओमेन चांडी के साथ रेड्डी पहले राहुल से रुबरू हुए और पार्टी की सदस्यता ली। इसके बाद पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला और ओमेन चांडी ने प्रेस कांफ्रेंस कर किरण रेड्डी व उनके समर्थकों की घर वापसी की घोषणा की।
इस मौके पर चांडी ने अविभाजित आंध्र के आखिरी मुख्यमंत्री के तौर पर रेड्डी के काम की तारीफ की तो। रेड्डी ने पार्टी को सूबे की मुख्यधारा में वापसी के लिए पूरी ताकत झोंकने का भरोसा दिया। साथ ही कहा कि अब तक उन्होंने सियासी रुप से जो हासिल किया है वह कांग्रेस की देन है। साथ ही कांग्रेस की केंद्र में वापसी से ही आंध्र को विशेष पैकेज का संसद में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह का किया गया वादा पूरा होगा। एनडीए सरकार पर उन्होंने आंध्र के हितों की अनदेखी करने और विशेष पैकेज से मुंह मोड़ने का आरोप लगाया।
किरण रेड्डी ने आंध्र के विभाजन के विरोध में 2014 के चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस छोड़ नई पार्टी बना ली थी। हालांकि उनकी पार्टी आंध्र के विधानसभा चुनाव में कोई प्रभाव नहीं छोड़ सकी और कांग्रेस का भी सफाया हो गया। अभी आंध्र में टीडीपी सत्ता में है और कांग्रेस से बगावत कर अपनी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस बनाने वाले जगनमोहन रेड्डी विपक्ष में हैं। जबकि कांग्रेस सूबे की सियासी मुख्यधारा में नहीं है।
राहुल गांधी ने आंध्र में कांग्रेस की सियासी जमीन को फिर से मजबूत करने के लिए केरल के पूर्व सीएम ओमेन चांडी को महासचिव बना सूबे का जिम्मा सौंपा है। चांडी सूबे में संगठन के ढांचे को दुरूस्त करने के साथ पार्टी छोड़कर जाने वाले प्रभावी नेताओं को कांग्रेस में वापस लाने पर खास फोकस कर रहे हैं।