सोज-आजाद के बयान से परेशान कांग्रेस, बड़बोले नेताओं पर नकेल कसने की तैयारी
पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भी जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में सोज और आजाद के बयान रास नहीं आए हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के अपने दो बड़े नेताओं गुलाम नबी आजाद और सैफुद्दीन सोज के विवादित बयानों को लेकर घिरी कांग्रेस एक बार फिर बड़बोले नेताओं पर लगाम कसने का सख्त संदेश देगी। पार्टी ने संकेत दिये हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले अपने नेताओं को बेलगाम होने से रोकने के लिए इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किया जाएगा। कांग्रेस की चिंता इस बात को लेकर ज्यादा है कि ऐसे विवादित बयानों को भाजपा अपने सशक्त मीडिया प्रबंधन के जरिये उसके खिलाफ राजनीतिक हथियार के रुप में इस्तेमाल करती है। इसीलिए नेताओं को यह स्पष्ट नसीहत भी दी जाएगी कि अहम और संवेदनशील मुद्दों पर पार्टी की आधिकारिक लाइन से इतर बोलने की हिमाकत न करें।
पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भी जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में सोज और आजाद के बयान रास नहीं आए हैं। पार्टी नेतृत्व का साफ मानना है कि एनडीए सरकार की जम्मू-कश्मीर नीति नाकाम रही है और इस मोर्चे पर विपक्ष के पास केंद्र को कठघरे में खड़ा करने के पर्याप्त आधार हैं। मगर इस तरह के विवादित बयानों की वजह से सरकार को घेरने का मौका तो हाथ से निकलता ही है, साथ ही उलटे पार्टी को अपने राजनीतिक बचाव के लिए संघर्ष करना पड़ता है। इसी चिंता के मद्देनजर हाईकमान के निर्देश पर कांग्रेस ने तत्काल सोज के बयान को खारिज कर दिया तो आजाद की टिप्पणी की व्याख्या करने से परहेज किया।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव के समय बड़बोलेपन के लिए चर्चित मणिशंकर अय्यर के खिलाफ राहुल गांधी की तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई का कांग्रेस के भीतर अच्छा संदेश गया था। इसे देखते हुए बड़बोले नेताओं को अय्यर पर हुई कार्रवाई की याद भी दिलाई जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के लिए कांग्रेस ने तब अय्यर को पार्टी से निलंबित कर दिया था और उनका निलंबन अभी जारी है। सोज-आजाद प्रकरण ने अय्यर का निलंबन जल्द खत्म होने की उम्मीद को भी धूमिल कर दिया है।
पार्टी हाईकमान को वैसे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की ओर से पिछले कुछ सालों से बड़बोले नेताओं को लेकर फीडबैक मिलता रहा है। खासतौर पर दिग्विजय सिंह और सलमान खुर्शीद जैसे नेताओं के विवादित बयानों को लेकर कार्यकर्ताओं ने हाईकमान से कई मर्तबा शिकायत लगाई कि इनकी टिप्पणियों से कांग्रेस का सियासी नुकसान होता है। क्योंकि बड़े नेताओं के बयानों से जनता में यह धारणा बनती है कि पार्टी का नजरिया भी ऐसा ही है। माना जाता है कि दिग्विजय सिंह को पार्टी के शीर्ष संगठन से बाहर करने की एक बड़ी वजह उनकी बयानबाजी भी रही।