चुनाव में मोदी सरकार को बेरोजगारी का पर्याय बताएगी कांग्रेस
लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को जनता से जुड़े मुद्दों पर घेरने की रणनीति के तहत कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस में इसका ऐलान किया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीते पांच साल में नौकरियों में आयी भारी गिरावट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बड़े मुद्दे के तौर पर उठाने का ऐलान किया है। बेरोजगारी के साथ नौकरियों से बीते एक साल में बड़ी संख्या में बाहर हुए लोगों के आंकड़ों के साथ पार्टी ने देश में नौकरियों को ध्वस्त करने के लिए पीएम मोदी को सबसे बड़ा जिम्मेदार ठहराया है। इतना ही नहीं कांग्रेस ने चुनाव अभियान में 'रोजगार नहीं तो भाजपा को वोट नहीं' का नारा बुलंद करने की भी घोषणा की है।
लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को जनता से जुड़े मुद्दों पर घेरने की रणनीति के तहत कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस में इसका ऐलान किया। उनका कहना था कि सरकार के आंकड़ों से ही साफ हो गया है कि देश में बेरोजगारी 45 साल के रिकार्ड पर पहुंच गई है। हर साल दो करोड नौकरियां देना तो दूर केवल 2017-18 के एक साल में 1.10 करोड युवाओं की नौकरी छिन गई। ग्रामीण इलाकों में तो नौकरियों का जाना कहर की तरह साबित हुआ है जहां 91 लाख युवाओं को एक साल में रोजगार से हाथ धोना पड़ा है। जबकि शहरी इलाके में 18 लाख लोगों की नौकरी छील गई।
सुरजेवाला ने कहा कि यह आंकड़े कांग्रेस के नहीं बल्कि सरकार के हैं और इससे साफ है कि मोदी सरकार देश में बेरोजगारी का पर्यायवाची बन गई है। उन्होंने कहा कि सीएमआइई के अनुसार देश में बेकारी दर 7.2 है तो सरकार के एनएसएसओ की रिपोर्ट के अनुसार यह दर 6.1 फीसद है। केवल नोटबंदी की वजह से डेढ करोड लोगों का रोजगार छीन गया तो खामियों से भरे जीएसटी ने भी लाखों छोटे व मझोले कारोबारियों और उनके कामगारों को सड़क पर ला दिया। मुद्रा लोन के जरिये रोजगार पैदा करने के सरकार के दावों को खोखला बताते हुए उन्होंने कहा कि इसका औसत लोन 23 हजार रुपये है जिसमें पान या पकौड़े की दुकान भी नहीं लगाई जा सकती।
रोजगार की खराब हालत का हवाला देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि आलम यह है कि रेलवे की 90 हजार ग्रुप डी की निकली नौकरी के लिए 2.80 करोड लोगों ने आवेदन किया है। इसमें इंजीनियर ग्रेजुएट, पीएचडी से लेकर एमफिल डिग्री वाले भी शामिल हैं। हरियाणा में 18 हजार चपरासी व माली के लिए 18 लाख युवाओं ने आवेदन किया इसमें भी उच्च शिक्षित युवाओं ने आवेदन दिया। महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश की इसी स्तर की नौकरियों के आवेदन में भी यही तस्वीर दिखी। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जब पीएचडी, एम फिल और इंजीनियर स्नातक चपरासी, माली या सिपाही बनने के हालत में पहंुच गए हैं तो नौकरियों की हालत समझी जा सकती है। सरकार को इस मोर्चे पर घेरने के साथ सुरजेवाला ने यह भी कहा कि चुनाव में कांग्रेस देश के सामने नई नौकरियां पैदा कर युवाओं के सकारात्मक भविष्य का रोडमैप भी देगी।