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नोटबंदी के बाद टैक्स हैवन से आए एफडीआई का खुलासा हो: कांग्रेस

जयराम रमेश के अनुसार नोटबंदी के बाद कैमेन आइलैंड से एफडीआई निवेश में हुए भारी उछाल इसमें कुछ न कुछ गड़बड़ है, इसका इशारा कर रहे हैं।

By Manish NegiEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 08:02 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 08:02 PM (IST)
नोटबंदी के बाद टैक्स हैवन से आए एफडीआई का खुलासा हो: कांग्रेस
नोटबंदी के बाद टैक्स हैवन से आए एफडीआई का खुलासा हो: कांग्रेस

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस ने नोटबंदी के बाद टैक्स हैवेन कैमन आइलैंड के रास्ते कंपनी बना एफडीआई लाने में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बेटे की भूमिका पर सवाल उठाया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के अनुसार नोटबंदी के बाद कैमेन आइलैंड से एफडीआई निवेश में हुए भारी उछाल इसमें कुछ न कुछ गड़बड़ है, इसका इशारा कर रहे हैं। इसीलिए कांग्रेस रिजर्व बैंक से यह मांग कर रही कि वहां से नोटबंदी के बाद आए सभी एफडीआई का खुलासा किया जाए। जयराम ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से भी स्पष्टीकरण की मांग की।

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कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए जयराम रमेश ने कहा कि रिजर्व बैंक से 2017-18 में कैमेन आइलैंड से आए एफडीआई के ब्यौरे का खुलासा करने की मांग इसलिए भी जायज है कि भाजपा की कालेधन व टैक्स चोरी पर बनी समिति के सदस्य के तौर पर अजित डोभाल ने खुद 2011 में इसकी सिफारिश की थी। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के 13 दिन बाद ही एनएसए के पुत्र विवेक डोभाल ने कैमेन आइलैंड में जीएनवाई एशिया नाम की कंपनी बनाई। साथ ही यह भी तथ्य है कि नोटबंदी के उपरांत वित्त वर्ष 2017-18 में कैमेन आइलैंड से करीब 8300 करोड रूपये एफडीआई के रास्ते आया है। जबकि इससे पहले वर्ष 2000 से 2017 के 17 सालों में कैमेन आइलैंड से करीब 8300 करोड रुपये ही एफडीआई के रुप में आते हैं।

जयराम ने कहा कि इससे साफ है कि नोटबंदी के दौरान पैसे वहां ले जाकर उसे एफडीआई के रास्ते वापस लाया गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मामले में हमारी पहली मांग है कि ईमानदारी और पारदर्शिता की दुहाई देने वाले टैक्स हैवन से आए एफडीआई का ब्यौरा दें। उन्होंने 2011 में बनी भाजपा की बनी समिति की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अजित डोभाल आठ साल पहले भाजपा की ओर से बिल्कुल यही मांग कर चुके हैं। जयराम ने जीएनवाई-एशिया कंपनी में निदेशक के तौर पर डाल डब्लू बैंक्स के शामिल होने पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस शख्स का नाम पनामा और पैराडाइज पेपर में है। उनका कहना था कि पनामा पेपर में तो हमारे पडोसी देश के प्रधानमंत्री को इस्तीफा तक देना पड़ा तो विवेक डोभाल की कंपनी में ऐसे शख्स का निदेशक बनना गंभीर सवाल खड़े करता है।

जयराम ने डोभाल से इस बात पर भी स्पष्टीकरण मांगा कि विवेक की कंपनी जीएनवाई-एशिया और उनके दूसरे बेटे शौर्य डोभाल की जीव्स स्ट्रैटिजिक मैनेजमेंट एडवाइजर्स के बीच क्या रिश्ता है? उन्होंने दावा किया कि टैक्स हैवेन से आए एफडीआई के इस जाल में उनके दोनों पुत्र घिरे हुए हैं और ऐसे में अजित डोभाल को स्पष्टीकरण देना चाहिए।


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