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कांग्रेस ने पूछा- सरकार बताये किसके दबाव में नहीं बन रहा सेना का माउंटेन कोर?

पार्टी ने कहा है कि ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि सरकार ने दबाव में चीन की चुनौती का सामना करने के लिए बनाई जाने वाली नई माउंटेन कोर के गठन का इरादा छोड़ दिया है।

By Vikas JangraEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 11:26 PM (IST)Updated: Wed, 22 Aug 2018 12:07 AM (IST)
कांग्रेस ने पूछा- सरकार बताये किसके दबाव में नहीं बन रहा सेना का माउंटेन कोर?
कांग्रेस ने पूछा- सरकार बताये किसके दबाव में नहीं बन रहा सेना का माउंटेन कोर?

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कांग्रेस ने रक्षा बजट में कटौती पर संसद की प्राक्कलन समिति की रिपोर्ट पर चिंता जाहिर करते हुए सेना की नई माउंटेन कोर का गठन रोकने को लेकर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। पार्टी ने कहा है कि ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि सरकार ने दबाव में चीन की चुनौती का सामना करने के लिए बनाई जाने वाली नई माउंटेन कोर के गठन का इरादा छोड़ दिया है।

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सेना की पूर्वी सीमा पर बढ़ रही चुनौतियों के बीच संसदीय समिति के रक्षा बजट में कमी के सवालों पर मीडिया से रूबरू होते हुए कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने सरकार से यह सफाई मांगी। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने 2013 में चीन की चुनौतियों का मजबूती से जवाब देने के मकसद से सेना का माउंटेन कोर जिसे सत्रहवां स्ट्राइक कोर भी कहा जाता है का गठन करने का फैसला लिया।
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इसके गठन की शुरूआत भी हो गई मगर अभी खबरें आ रही कि एनडीए सरकार ने माउंटेन कोर के गठन की योजना को ही ध्वस्त करने का इरादा कर लिया है। उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में छाती पीटकर राष्ट्रीय सुरक्षा का दावा करने वाली भाजपा सरकार को यह बताना चाहिए कि माउंटेन कोर के गठन की योजना क्यों और किसके दबाव में छोड़ दी गई है।

जीडीपी के हिसाब से बीते 50 साल में सबसे कम रक्षा बजट और सरकारी खर्चे के औसत के लिहाज से भी पिछले चार साल में पूंजीगत रक्षा बजट में कमी को लेकर संसद की प्राक्कलन समिति की चिंता पर तिवारी ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि रक्षा तैयारियों का खर्च लगातार क्यों घटाया गया है। उन्होंने कहा कि इस संसदीय समिति के 30 में से 16 सदस्य भाजपा के हैं और उसके दिग्गज नेता डा मुरली मनोहर जोशी इसके अध्यक्ष हैं।

समिति ने बीते चार साल की रक्षा तैयारियों और बजट का आकलन करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि सरकारी खर्च के अनुपात में ही नहीं जीडीपी के हिसाब से एनडीए के चार साल के शासन में रक्षा बजट घटा है। तिवारी ने कहा कि इसी साल मार्च में तत्कालीन उप सेना प्रमुख ने रक्षा संबंधी संसद की स्थाई समिति के सामने साफ कहा था कि मौजूदा साल के बजट में रक्षा खरीद के लिए दिया गया बजट इतना कम है कि यह पिछले साल की देनदारी को पूरा करने में भी कम पड़ेंगी। कांग्रेस नेता ने कहा कि संसदीय समितियों की जाहिर की गई चिंता राष्ट्रीय सुरक्षा पर बड़े दावे करने वाली भाजपा की सैन्य तैयारियों की हकीकत जाहिर करती है। 


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