कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी ने बोला हमला, कहा-अपनी नाकामियों को छिपा रहे हैं पीएम
सियासी गरमागरमी में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राजनीतिक संवाद का स्तर गिराने का आरोप लगाया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पांच राज्यों के चुनाव में एक दूसरे पर चलाए किए जा रहे बेहद कटु निजी हमलों की सियासी गरमागरमी में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राजनीतिक संवाद का स्तर गिराने का आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा है कि प्रधानमंत्री जनता से किए गए चुनावी वादे निभाने में विफल रहे हैं और ध्यान भटकाने के लिए खुद को 'पीड़ित' के रूप में पेश कर रहे हैं। जबकि वास्तविकता यह है कि नरेंद्र मोदी सत्ता सर्वोच्च के सर्वेसर्वा हैं और देश के सामने खड़ी चुनौतियों के लिए सीधे वे जिम्मेदार हैं।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पद की गरिमा के अनुरुप भाषा में संयम बरतने की दी गई सलाह के बाद कांग्रेस ने पीएम की यह घेरेबंदी की। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पिछले साल गुजरात चुनाव और मौजूदा पांच राज्यों के चुनाव में विचित्र संवाद कर रहे हैं। चुनावी भाषणों में वे खुद को 'पीड़ित' के रुप में जनता के सामने परोसने की कोशिश कर रहे हैं। मगर पीएम को यह समझना होगा कि वे पिछले 53 महीने से देश के हुक्मरान हैं और देश की चुनौतियों को सुलझाने की जिम्मेदारी केवल उनकी है।
इसे चुनाव में असल मुद्दों से बचने की पीएम की रणनीति करार देते हुए तिवारी ने कहा कि देश मोदी से राफेल पर चुप्पी तोड़ने से लेकर कई सवालों का जवाब मांग रहा है। उन्होंने कहा कि जब क्रूड आयल 58 डालर प्रति बैरल आने के बाद भी पेट्रोल-डीजल 80 रुपये लीटर के पार है तो रसोई गैस सिलेंडर 1000 रुपये में आखिर क्यों मिल रहा है? रिजर्व बैंक की स्वतंत्रता पर प्रहार क्यों किया जा रहा?
तिवारी ने कहा कि पीएम मोदी ने 2014 के चुनाव में पांच साल में 10 करोड रोजगार देने का वादा किया था मगर 53 महीने में 8 लाख नौकरियां भी सरकार नहीं दे पायी है। कांग्रेस के मुताबिक इन वादों पर ही जनता ने मोदी को पूर्ण बहुमत दिया था मगर इनमें से किसी वादे पर वे खरे नहीं उतरे हैं और इसलिए पीड़ित बन रहे हैं।
तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री का दायित्व बनता है कि देश में सार्वजनिक संवाद का एक स्तर कायम रखें मगर जब खुद पीएम बहस का स्तर रोज नीचे ले जाएंगे तो दूसरे नेताओं के लिए यह नजीर बनने लगती है। ऐसे में कांग्रेस बहस का स्तर गिराने के लिए सीधे पीएम को ही जिम्मेदार मानती है।