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अमित शाह के बयान को कांग्रेस ने बताया गलत, कहा- हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग ने बांटा देश

लोकसभा में नागरिकता बिल पर बहस के दौरान गृहमंत्री ने कहा था कि अगर कांग्रेस ने धर्म के नाम पर बंटवारा न किया होता तो नागरिकता विधेयक लाने की जरूरत ही नहीं होती।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 09:03 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 09:08 PM (IST)
अमित शाह के बयान को कांग्रेस ने बताया गलत, कहा- हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग ने बांटा देश
अमित शाह के बयान को कांग्रेस ने बताया गलत, कहा- हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग ने बांटा देश

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। धर्म के नाम पर देश का बंटवारा करने का केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आरोपों से तिलमिलाई कांग्रेस ने इतिहास का हवाला देते हुए कहा है कि धर्म के आधार पर द्वि-राष्ट्र बनाने का सिद्धांत हिन्दू महासभा और मुस्लिम लीग का था। शाह के बयान को आपित्तजनक करार देते हुए पार्टी ने उन्हें इतिहास को तोड-मरोड़ कर पेश नहीं करने की नसीहत दी।

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लोकसभा में नागरिकता बिल पर बहस के दौरान गृहमंत्री ने कहा था कि अगर कांग्रेस ने धर्म के नाम पर बंटवारा न किया होता तो नागरिकता विधेयक लाने की जरूरत ही नहीं होती। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि ऐतिहासिक सच्चाई यह है कि हिन्दू महासभा और मुस्लिम लीग ने धर्म के आधार पर दो अलग-अलग राष्ट्र का सिद्धांत रख देश का बंटवारा कराया। महान स्वाधीनता सेनानी हिन्दू महासभा के नेता लाला लाजपतराय के 1924 में प्रकाशित एक लेख का हवाला देते हुए तिवारी ने कहा कि इसमें उन्होंने देश के दो हिस्सों में मुस्लिम भारत और हिन्दू भारत के विभाजन की बात कही थी।

मनीष तिवारी ने इतिहास की दिया हवाला

कांग्रेस नेता ने कहा कि हिन्दू महासभा के बाद 1930 में मुस्लिम लीग के तत्कालीन नेता इकबाल ने पंजाब, नार्थ वेस्ट फ्रांटियर, सिंध ओर बलूचिस्तान को मिलाकर एक अलग राष्ट्र बनाने की बात कही। तिवारी के अनुसार इसके बाद 1937 में हिन्दू महासभा के नेता वीर सावरकर ने अहमदाबाद में साफ कहा कि भारत एक समरूप लोगों का राष्ट्र नहीं बल्कि इसके उलट इसमें दो राष्ट्र हैं हिन्दू और मुसलमान। इसके बाद मोहम्मद अली जिन्ना ने मुस्लिम लीग के कराची सम्मेलन में 1940 में साफ कहा कि देश में हिन्दू और मुसलमान एक समान नागरिक होंगे यह एक सपना है। जिन्ना ने इसमें स्पष्ट तौर पर कहा कि धर्म, संस्कृति, साहित्य और परंपरा के हिसाब से हिन्दू और मुसलमान बिल्कुल अलग हैं। ये दोनों न साथ खा सकते हैं और न ही आपसी वैवाहिक संबंध कर सकते है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इसी तरह सावरकर ने 1943 में बिल्कुल साफ कर दिया कि जिन्ना के द्वि-राष्ट्र सिद्धांत से उनका कोई विरोध नहीं है।

इतिहास की सच्चाई को झुठलाया नहीं जा सकता: मनीष तिवारी

मनीष तिवारी ने कहा कि हकीकत यह भी है कि जब भारत की मर्जी के खिलाफ अंग्रेजों ने द्वितीय विश्वयुद्ध में उसे शामिल किया तो कांग्रेस की प्रांतीय सरकारों ने विरोध में इस्तीफा दे दिया और अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ आजादी के आंदोलन को तेज किया। उन्होंने कहा कि इस समय हिन्दू महासभा और मुस्लिम लीग ने तब मिलकर प्रांतों में सरकार बनायी जबकि कांग्रेस के नेता स्वतंत्रता आंदोलन के लिए जेल जा रहे थे। तिवारी ने कहा कि इतिहास की इस सच्चाई को झुठलाया नहीं जा सकता और गृहमंत्री का इतिहास को इस तरह तोड़-मरोड़ कर पेश करना आपत्तिजनक है। 


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