एनजीटी चेयरमैन पद पर जस्टिस गोयल की नियुक्ति पर कांग्रेस ने उठाया सवाल
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और के. सुरेश ने आरोप लगाया कि जस्टिस गोयल दक्षिणपंथी संगठनों के करीब रहे हैं और उन्होंने वह फैसला उनके दबाव में दिया था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कांग्रेस ने गुरुवार को लोकसभा में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के चेयरमैन के रूप में जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए। पार्टी ने कहा, इससे साफ है कि भाजपा नीत सरकार उनके फैसले का समर्थन करती है। एससी-एसटी कानून में ढील देने वाली सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ में जस्टिस गोयल भी शामिल थे।
शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और के. सुरेश ने आरोप लगाया कि जस्टिस गोयल दक्षिणपंथी संगठनों के करीब रहे हैं और उन्होंने वह फैसला उनके ही दबाव में दिया था। के. सुरेश ने दावा किया कि इस नियुक्ति के जरिये सरकार ने उन्हें ईनाम दिया है। हालांकि भाजपा के अनुराग ठाकुर ने उनकी इस टिप्पणी का विरोध किया। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट से रिटायरमेंट के तुरंत बाद इस महीने की शुरुआत में जस्टिस गोयल को एनजीटी का चेयरमैन नियुक्त किया गया था।
के. सुरेश ने कहा कि इस नियुक्ति से गलत संदेश गया है और दलित उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने राजग के दलित सांसदों व केंद्रीय मंत्रियों द्वारा उनकी नियुक्ति का विरोध किए जाने और इस संबंध में रामविलास पासवान द्वारा गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखने का भी जिक्र किया। इस पर सदन में मौजूद पासवान कुछ कहना चाहते थे, लेकिन वह बोले नहीं। बाद में उन्होंने के. सुरेश से और भाजपा के दलित सदस्य व केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से कुछ बातचीत की।
खड़गे ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के उन निर्देशों का मसला भी उठाया जिसके तहत आरक्षण लागू करने के लिए विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों को अलग इकाई माना जाएगा। इस पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार इस फैसले पर पहले ही रोक लगा चुकी है। चूंकि यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जारी किए गए थे, इसलिए सरकार ने शीर्ष अदालत में विशेष अनुमति याचिका भी दाखिल कर दी है।