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Congress President Election: कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में बने हुए हैं गहलोत, उम्मीदवारी बचाने को कई नेता सक्रिय

Congress President Election कांग्रेस अध्यक्ष के लिए अशोक गहलोत की उम्मीदवारी बचाने के लिए कई नेता सक्रिय हैं। सुलह और संवाद के प्रयासों के बीच गहलोत और सोनिया की जल्द मुलाकात की चर्चाएं हैं। पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट में गहलोत समर्थक तीन नेताओं पर कार्रवाई की सिफारिश की है।

By Sanjay MishraEdited By: Achyut KumarPublished: Tue, 27 Sep 2022 09:24 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 09:24 PM (IST)
Congress President Election: कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में बने हुए हैं गहलोत, उम्मीदवारी बचाने को कई नेता सक्रिय
Congress President Election: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (फाइल फोटो)

संजय मिश्र, नई दिल्ली: Congress President Election: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने अध्यक्ष चुनाव के लिए उनका वोटर पहचान पत्र मंगलवार को सौंप दिया, मगर कांग्रेस के नए अध्यक्ष के चेहरे पर गहराए बादल अभी साफ नहीं हुए हैं। राजस्थान के सियासी घमासान के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दावेदारी बेशक डांवाडोल हुई है, लेकिन अभी भी वे रेस से बाहर नहीं हुए हैं।

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नए चेहरे के विकल्पों पर भी किया जा रहा विचार

ताजा संकट के मद्देनजर कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता पार्टी हाईकमान और गहलोत के दरम्यान विधायकों के विद्रोह से पैदा हुई असहज स्थिति को दूर करने की जबरदस्त कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, सुलह की कोशिशों के बीच नए चेहरे के विकल्पों पर भी नेतृत्व अपनी रणनीति के हिसाब से तैयारी कर रहा है।

पर्यवेक्षकों ने सोनिया गांधी को सौंपी रिपोर्ट

मंगलवार को कांग्रेस के दोनों पर्यवेक्षकों मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन ने विधायकों के विद्रोह पर अपनी लिखित रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंप दी। इसमें विद्रोह में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए गहलोत के तीन कट्टर समर्थक नेताओं शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है।

गहलोत ने हाईकमान को भेजा संदेश

जयपुर से लौटने के बाद सोमवार को केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने कांग्रेस अध्यक्ष को पूरी घटना से अवगत कराया था और तब सोनिया गांधी ने उनसे लिखित रिपोर्ट सौंपने को कहा था। सूत्रों के अनुसार गहलोत ने भी हाईकमान को संदेश भेजा है कि विधायकों के विद्रोह के पीछे उनकी कोई भूमिका नहीं थी। वह कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के प्रति विद्रोह की सोच भी नहीं सकते हैं। वह जल्द ही सोनिया गांधी से मुलाकात करने दिल्ली आ सकते हैं।

सुलह-संवाद की कोशिश कर रहे उत्तर भारत के नेता

सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए हुए घटनाक्रम के बाद गहलोत के पक्ष में सुलह-संवाद की कोशिश करने वालों में उत्तर भारत के कई प्रमुख नेता भी शामिल हैं। इनमें 10 जनपथ (सोनिया गांधी का सरकारी आवास) की करीबी अंबिका सोनी और लंबे समय से नाराज चल रहे आनंद शर्मा शामिल हैं।

समझा जाता है कि ताजा संकट को लेकर इनके जैसे कई नेताओं ने सोनिया से बातचीत की है और यह संदेश देने का प्रयास किया है कि पार्टी के व्यापक हित में केवल दक्षिण के नेताओं पर हाईकमान की निर्भरता उचित नहीं है।

राजस्थान मसले को बातचीत से सुलझाने पर जोर

सुलह-संवाद की कोशिशों में जुटे नेताओं की ओर से यह बताने का प्रयास किया गया है कि अशोक गहलोत की राजनीतिक शैली और पृष्ठभूमि ऐसी नहीं रही जिसमें नेतृत्व की अनदेखी का भाव रहा हो। ऐसे में यह जरूरी है कि राजस्थान के मौजूदा घटनाक्रम के संदर्भ में पैदा हुई गलतफहमियों को सीधे बातचीत कर सुलझाया जाए।

संवाद के प्रयासों में जुटे कांग्रेस कार्यसमिति के एक सदस्य के अनुसार नेतृत्व तक यह संदेश पहुंचाया गया है कि देश की राजनीतिक वास्तविकता को समझते हुए पार्टी का नेतृत्व उत्तर भारत के किसी नेता को ही सौंपा जाना कांग्रेस के हित में है और इसमें गहलोत अब भी सबसे मुफीद व्यक्ति हैं।

केंद्रीय पर्यवेक्षक ही निशाने पर

समझा जाता है कि इस दौरान हाईकमान को यह भी बताने का प्रयास किया गया है कि राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन के लिए जिन लोगों को भेजा गया था उन्होंने स्थिति को बिगाड़ने में भूमिका निभाई। इन्होंने ही पंजाब में ऐसा ही कुछ किया था। जाहिर तौर पर निशाने पर खड़गे और माकन हैं। पंजाब में कैप्टन अमरिंदर को बदलने के लिए बतौर पर्यवेक्षक इन दोनों को ही भेजा गया था।

अंदरूनी तौर पर उठ रही इन आवाजों का एक संकेत यह भी है कि खड़गे या केसी वेणुगोपाल, जिन्हें नेतृत्व का विश्वासपात्र माना जाता है, दोनों की अध्यक्ष पद की किसी संभावित दावेदारी को रोकने के लिए पार्टी में उत्तर भारत के नेता अपनी सक्रियता जारी रखे हुए हैं।

दिग्विजय हो सकते हैं मजबूत दावेदार

गहलोत की दावेदारी पूरी तरह खत्म होने की स्थिति में दिग्विजय ¨सह सबसे मजबूत दावेदार के रूप में सामने आ सकते हैं। हाईकमान से उनकी निकटता सर्वविदित है। इसके अलावा मुकुल वासनिक और कुमारी सैलजा का नाम भी अध्यक्ष पद के लिए वैकल्पिक उम्मीदवारों की सूची में माना जा रहा है।

पवन बंसल ने भी मंगवाया नामांकन फार्म

कांग्रेस अध्यक्ष पद के नामांकन के लिए अब केवल तीन दिन बचे हैं। मंगलवार को कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने अध्यक्ष पद के लिए दो सेट नामांकन फार्म मंगवाया। चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मिस्त्री ने कहा कि यह नहीं मालूम कि बंसल ने यह फार्म खुद के लिए या किसी और के लिए मंगवाया है।

वैसे माना जा रहा है कि बंसल ने नामांकन फार्म का यह सेट पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार के लिए हासिल किया है। कांग्रेस हाईकमान की ओर से जिस चेहरे को स्वीकृति दी जाएगी उसके नामांकन की प्रक्रिया की पूरी तैयारी रखने के लिए बंसल ने यह फार्म हासिल किया है। 

30 सितंबर को नामांकन दाखिल करेंगे शशि थरूर

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में उतरने का पहले ही ऐलान कर चुके शशि थरूर आखिरी दिन 30 सितंबर को अपना नामांकन दाखिल करेंगे और इसका संदेश उन्होंने मिस्त्री के कार्यालय को भेज दिया है।

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