कांग्रेस ने बंद दरवाजे में होने वाली बैठकों की बात लीक होने पर मीडिया को दे डाली ये सलाह
लोकसभा चुनाव 2019 में करारी शिकस्त मिलने के बाद कांग्रेस ने अब मीडिया पर खीज निकालनी शुरू कर दी है। पार्टी ने अपनी अंदरूनी चीजें लीक होने पर मीडिया को सलाह देनी शुरू कर दी है।
नई दिल्ली, जेएनएन। लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस में भारी उथल-पुथल मची हुई है। एक तरफ पार्टी हार के लिए बलि का बकरा तलाशने में जुटी है, दूसरी तरफ पार्टी नेताओं में इस्तीफा देकर हार के लिए खुद जिम्मेदारी ओढ़ने की होड़ मची हुई है। इन सबके बीच कांग्रेस ने अब अपनी खीज मीडिया पर निकालनी शुरू कर दी है। कांग्रेस ने सोमवार को एक बायन जारी कर मीडिया को सलाह दी है कि वह बंद दरवाजों में होने वाली उनकी बैठकों की बात लीक न करे।
मालूम हो कि 2014 में 44 लोकसभा सीट जीतने वाली कांग्रेस पार्टी ने इस बार बहुमत पाने के लिए एड़ी-जोटी का जोर लगा दिया था। यहां तक कि पार्टी ने अपने सबसे बड़े तिलस्म, प्रियंका गांधी वाड्रा का भी इस चुनाव में इस्तेमाल कर लिया। बावजूद उसे कोई खास फायदा नहीं हुआ। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मात्र 51 सीटों मिलीं। सरकार बनाना तो दूर इतनी कम सीट के साथ कांग्रेस को लोकसभा में विपक्ष के नेता का दर्जा भी नहीं मिलेगा। इतना ही नहीं इस बार कांग्रेस के बड़े-बड़े दिग्गज हार गए, इससे पार्टी के सामने सदन का नेता चुनने की भी चुनौती खड़ी हो गई है।
लोकसभा चुनावों में मिली करारी शिकस्त पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीडब्ल्यूसी बैठक में अपने इस्तीफे की पेशकश की। बैठक में मौजूद नेताओं ने एकसुर में उनके इस्तीफे के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसके बाद पार्टी में हार का जिम्मा लेने और इस्तीफा देने की होड़ मच गई है। उधर हार के लिए बलि का बकरा तलाश रहे पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी कुछ वरिष्ठ नेताओं पर पहले ही बेटों को चुनाव लड़ाने में पूरी ऊर्जा लगाने का आरोप लगा चुके हैं। उनका इशारा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की तरफ था। कमलनाथ का बेटा नकुलनाथ किसी तरह मध्य प्रदेश से चुनाव जीत गया, लेकिन अशोक गहलोत का बेटा वैभव गहलोत तमाम प्रयास के बावजूद चुनाव हार गया।
चुनाव में हार के बाद से पार्टी में भितरघात और उठापटक का दौर जारी है। पार्टी के भीतर मचे घमासान पर कोई खुलकर बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन मीडिया में छनछनकर बातें सामने आ रहीं हैं। इस पर कांग्रेस ने सोमवार को एक बयान जारी कर मीडिया को सलाह दे डाली। कांग्रेस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, 'कांग्रेस पार्टी को उम्मीद है कि मीडिया सहित हर कोई CWC की बंद दरवाजों के पीछे होने वाली बैठकों की पवित्रता का सम्मान करेगा। मीडिया के एक वर्ग द्वारा व्यक्त किया जा रहा अनुमान, अटकलबाजी, कटाक्ष, मान्यताएं, गपशप आदि मात्र अफवाहें हैं, जिन्हें फैलाना अनुचित है।।'
कांग्रेस ने अपने बयान में ये भी कहा है कि सीडब्ल्यूसी ने पार्टी के प्रदर्शन को लेकर सामूहिक विचार विमर्श किया है। इसके बाद पार्टी इस नतीजे पर पहुंची है कि किसी भी विशिष्ट व्यक्ति की भूमिका या आचरण को पार्टी की हार से जोड़कर नहीं देखा जाएगा। इसकी जगह पार्टी आगे आने वाली चुनौतियों पर फोकस करेगी।
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