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VIDEO: राहुल गांधी ने दोहराया, नहीं चाहिए कांग्रेस अध्यक्ष का पद, कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन

आज सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस संसदीय दल की बैठक हुई जिस दौरान राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपना इस्तीफा वापस नहीं लेने पर अड़े रहे- सूत्र

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 26 Jun 2019 12:18 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jun 2019 08:37 PM (IST)
VIDEO:  राहुल गांधी ने दोहराया, नहीं चाहिए कांग्रेस अध्यक्ष का पद, कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन
VIDEO: राहुल गांधी ने दोहराया, नहीं चाहिए कांग्रेस अध्यक्ष का पद, कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस के अंदर से पड़ रहे चौतरफा दबावों को दरकिनार करते हुए राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष बने रहने के आग्रह को एक बार फिर ठुकरा दिया है। राहुल ने पार्टी को सार्वजनिक रूप से कह दिया है कि अध्यक्ष पद छोड़ने के अपने इरादे पर वे अडिग हैं। कांग्रेस कार्यसमिति में की गई इस्तीफे की पेशकश को महीने भर बाद दोहरा कर राहुल ने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी को नये अध्यक्ष का विकल्प तलाशना ही होगा।

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लोकसभा में कांग्रेस के सांसदों की बुधवार को हुई बैठक के दौरान राहुल के अलावा सभी 51 सांसदों ने उनसे अध्यक्ष पद पर बने रहने की अपील की। कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी की मौजूदगी में सुबह हुई इस बैठक के दौरान वरिष्ठ नेता शशि थरूर और मनीष तिवारी ने राहुल गांधी से अध्यक्ष पद पर बने रहने का आग्रह किया।

इनका कहना था कि कांग्रेस के पास नेतृत्व के लिए इस वक्त राहुल गांधी से बेहतर चेहरा नहीं है। जहां तक लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी का सवाल है तो यह अकेले उनकी नहीं बल्कि पार्टी के सभी लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी है। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना का निर्णय पार्टी के हित में नहीं है।

पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष से इस्तीफा का इरादा छोड़ने के थरूर और तिवारी के आग्रह के बाद सभी सांसदों ने एक सुर से राहुल से पद पर बने रहने की अपील की। इन सांसदों ने यह भी कहा कि कांग्रेस का शिखर नेतृत्व खासकर गांधी परिवार शुरू से भाजपा के निशाने पर रहा है।

इसी रणनीति के तहत उनके खिलाफ राजनीतिक दुष्प्रचार किया गया है। ऐसे में राहुल अध्यक्ष पद छोड़ते हैं तो यह भाजपा के जाल में फंसने जैसा होगा। इस्तीफे का इरादा छोड़ने के सांसदों के बढ़ते दबाव को भांप राहुल गांधी ने तत्काल इस मुद्दे को यह कहते हुए थाम लिया कि लोकसभा सांसदों की यह बैठक इस पर चर्चा का उचित फोरम नहीं है।

सोनिया के सामने ही राहुल ने सांसदों से साफ कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने के अपने फैसले पर वे कायम हैं और पार्टी को नया अध्यक्ष जल्द तलाश लेना चाहिए। इस बैठक के बाद संसद भवन परिसर में मीडिया से राहुल ने कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने के अपने रुख पर कायम रहने की बात कही।

हालांकि राहुल के इस इन्कार के बाद भी कांग्रेसजनों ने उन पर इरादा बदलने का दबाव डालने का प्रयास छोड़ा नहीं है। युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं की भीड़ ने बुधवार को राहुल गांधी के आवास तुगलक लेन के बाहर जमा होकर उनसे अध्यक्ष पद पर बने रहने और पार्टी का नेतृत्व जारी रखने की अपील की। कांग्रेस कार्यसमिति ने पहले ही इस्तीफे की पेशकश खारिज कर राहुल से अपने हिसाब से पार्टी में आमूल-चूल बदलाव का प्रस्ताव पारित कर रखा है।

कांग्रेस की तमाम प्रदेश इकाईयों से भी राहुल के नेतृत्व में भरोसा जताते हुए उनसे अध्यक्ष बने रहने का प्रस्ताव पारित किया जा चुका है। इन सबके बावजूद राहुल ने अपने रुख से टस से मस नहीं होने की बात दोहरा कांग्रेस के सियासी संकट को और भी चुनौतीपूर्ण तो बना ही दिया है।

पार्टी अब तक राहुल गांधी को राजी कर लेने की उम्मीद में नये विकल्प पर विचार करने से परहेज कर रही थी मगर बुधवार को राहुल ने कांग्रेस को गांधी परिवार से बाहर का नेतृत्व तलाशने की राह पर आगे बढ़ने का दो टूक संदेश दे दिया।

राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे पर अड़े रहने की ख़बरों के बीच यूथ कांग्रेस राहुल गांधी के आवास के बाहर प्रदर्शन किया है और 'राहुल गांधी ज़िंदाबाद! राहुल गांधी संसार करो हम साथ साथ हैं जैसे नारे लगाए और उनसे इस्तीफा वापस लेने और पार्टी के रूप में जारी रखने का आग्रह किया है।

इसके अलावा यूथ कांग्रेस के सदस्य और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने उनसे अपना इस्तीफा वापस लेने और पार्टी अध्यक्ष के रूप में जारी रखने का आग्रह किया है।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद 25 मई को हुई पार्टी कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि कार्य समिति के सदस्यों ने उनकी पेशकश को खारिज करते हुए उन्हें आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था। इसके बाद से इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि गांधी अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे या किसी दूसरे नेता को यह जिम्मेदारी दी जाएगी।

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