मेघालय में कांग्रेस को बड़ा झटका, 5 विधायक नेशनल पीपुल्स पार्टी में हुए शामिल
सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के लिए ये बड़ा झटका है, क्योंकि इन 8 विधायकों में से 5 कांग्रेस से हैं। इसके अलावा 1 यूडीपी और 2 निर्दलीय विधायक हैं।
शिलॉग, पीटीआइ। मेघालय में विधानसभा चुनावों की हलचल के बीच विधायकों के दलबदल का खेल भी शुरू हो गया है। हाल ही में विधानसभा से इस्तीफा देने वाले सभी 8 विधायक गुरुवार को नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) में शामिल हो गए। सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के लिए ये बड़ा झटका है, क्योंकि इन 8 विधायकों में से 5 कांग्रेस से हैं। इसके अलावा 1 यूडीपी और 2 निर्दलीय विधायक हैं। एनपीपी एनडीए में शामिल है, इसलिए विधायकों के इस कदम से मेघायल में भाजपा यकीनन और मजबूत हुई है।
हाल ही में विधानसभा से इस्तीफा देने वाले सभी आठ विधायक मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग की एक रैली में एनपीपी में शामिल हो गए। एनपीपी के प्रवक्ता जेम्स के संगमा ने रैली में घोषणा की कि उनके साथ, आदिवासी स्वायत्त जिला परिषदों के 10 सदस्य भी औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल हुए हैं। एनपीपी की अध्यक्षता स्वर्गीय पी ए संगमा के बेटे कॉनरोड के संगमा करते हैं।
बता दें कि पांच सत्तारूढ़ कांग्रेस सहित आठ विधायकों ने पिछले साल 29 दिसंबर को राज्य विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था और घोषणा की थी कि वे एनपीपी, भाजपा के नेतृत्व वाले पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन (एनईडीए) में शामिल होने जा रहे हैं। एनपीपी में शामिल होने वाले विधायकों में कांग्रेस के पूर्व उपमुख्यमंत्री रोवेल लिंगदोह, स्निआभभालंग धार, कॉमिंगोन यंबोन, प्रेस्टन तिनसोंग और गुयेलांग धार, संयुक्त डेमोक्रेटिक पार्टी के रेमिंगटन पायनेरप और निर्दलीय विधायक स्टेफ़ानसन मुमिपम और आशापात्र बैमन शामिल हैं।
रैली में अपने संबोधन में एनपीपी अध्यक्ष कॉनराड के संगमा ने आठ विधायकों के औपचारिक रूप से शामिल होने पर खुशी व्यक्त की और कहा कि विधानसभा 2018 के चुनाव मेरे पिताजी पी ए संगमा के सपने को पूरा करने के बारे में है और यह कठिन होगा। 2018 के चुनाव कठिन होंगे, लेकिन मुझे यकीन है कि आप सभी कड़ी मेहनत करेंगे और हम सफल होंगे।'
एनपीपी के प्रवक्ता जेम्स के संगमा ने कहा कि लोग राज्य में बदलाव चाहते हैं और एनपीपी बदलाव के लिए अग्रसर है। एनपीपी परिवर्तन लेकर आएगी। एनपीपी ऐसी पार्टी है जो कि देश में अल्पसंख्यकों ईसाई, मुसलमान, सिख, सेंग खासी और सोंगरेक (मेघालय में जनजातीय संगठन) के लिए लड़ती है।
मेघालय का चुनावी इतिहास
मेघालय में पिछले चुनाव में भाजपा ने 13 उम्मीदवार मैदान में उतारे, लेकिन सभी उम्मीदवार अपनी जमानत गंवा बैठे थे। 2008 के चुनाव में पार्टी के 23 में से 1 उम्मीदवार ही चुनाव जीत सका और 21 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई। इसी तरह 2003 में पार्टी ने 28 उम्मीदवार मैदान में उतारे, लेकिन पार्टी के 2 उम्मीदवार ही चुनाव जीत सके और 21 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। 1998 के चुनावों में भी करीब यही स्थिति रही। इन चुनावों में पार्टी के 28 में से 3 उम्मीदवार जीते जबकि 20 की जमानत जब्त हो गई। 1993 में पार्टी के 20 उम्मीदवारों में से 14 उम्मीदवार जमानत नहीं बचा सके थे। लेकिन इस दफा मेघालय में रोचक घटनाक्रम में कांग्रेस के चार विधायकों ने पार्टी छोड़ी और भाजपा में शामिल हो गए।
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