छत्तीसगढ़ में अर्णब के समर्थन में उतरे कांग्रेस नेता को पार्टी से निकाला गया
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गृह जिले दुर्ग के विक्की शर्मा को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
रायपुर, नईदुनिया। टीवी पत्रकार अर्णब गोस्वामी पर छत्तीसगढ़ में अलग-अलग थानों में 103 एफआइआर कराने का विरोध करना कांग्रेस के एक नेता को भारी पड़ गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के गृह जिले दुर्ग के विक्की शर्मा को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
जिलाध्यक्ष तुलसी साहू ने बताया कि विक्की ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अशोभनीय बयान देने वाले अर्णब गोस्वामी का समर्थन किया। साथ ही थाने में पहुंचकर एफआइआर निरस्त करने की मांग की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने इसे संगठन के खिलाफ माना और भिलाई के ब्लॉक अध्यक्ष ने विक्की की प्राथमिक सदस्यता को समाप्त करते हुए छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। किसान कांग्रेस के प्रवक्ता और जिला महामंत्री विक्की ने प्रदेश संगठन से सवाल किया था कि क्या एक व्यक्ति पर एक ही घटना के लिए 100 से अधिक एफआइआर दर्ज कराने का अधिकार है? ऐसे ही हरकतों से कानून का मजाक बनाता है। शर्मा ने कहा कि पत्रकार की निर्भीकता ही उसकी पहचान होती है, उसका हनन नहीं किया जा सकता। छत्तीसगढ़ में 15 साल बाद मिले जनता के जनमत का सम्मान करो। अहंकार में लिया गया निर्णय सदैव घातक होता है।
निष्कासन के बाद विक्की ने कहा कि कांग्रेस के अंदर गलत नीतियों का मैं पहले भी विरोध करता था और अब मुखर होकर अपनी बात रख सकूंगा। बता दें कि शुक्रवार को न्यायमूर्ति डॉ डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अर्णब गोस्वामी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की थी। यह याचिका देश के विभिन्न हिस्सों में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती देती थी।
बुधवार रात अर्णब गोस्वामी अपनी पत्नी के साथ लोअर परेल स्थित स्टूडियो से घर लौट रहे थे, उसी समय बाइक सवार दो युवकों ने उनकी कार के आगे आकर बाइक रोक दी और बंद खिड़की पर मुक्के से प्रहार करने लगे। युवकों ने कार पर स्याही भी फेंकी। तब तक अर्णब के पीछे दूसरी कार में चल रहे उनके अंगरक्षकों ने तुरंत आकर दोनों युवकों को पकड़ लिया और उन्हें एन.एम.जोशी मार्ग पुलिस को सौंप दिया गया।
हालांकि, उस दौरान रात को ही अर्णब गोस्वामी ने अपने ऊपर हुए इस हमले के लिए जिम्मेवार कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को ठहराया। इस दौरान कहीं गई बातों से नाराज आकर कांग्रेसियों ने देश में कई राज्यों के थानों में तहरीर दी, केस दर्ज कराया था।