पी. चिदंबरम तिहाड़ जेल से आए बाहर, सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ दी जमानत
सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिलने पर आइएनएक्स मीडिया मनी लांड्रिंग केस में आरोपी पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम तिहाड़ जेल से बाहर आ गए हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। आइएनएक्स मीडिया मामले में आरोपित पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम बुधवार शाम को तिहाड़ जेल से बाहर आ गए। चिदंबरम पिछले 106 दिनों बाद जेल से बाहर आए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम के खराब स्वास्थ्य, उम्र और लंबी अवधि की हिरासत को देखते हुए सशर्त जमानत दी है। रिहा होने के बाद चिदंबरम अपने बेटे कार्ति चिदंबरम के साथ कांग्रेस की सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने कहा कि गुरुवार को वे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। उन्होंने कहा 'मैं जेल से बाहर आकर खुश हूं और 106 दिनों बाद आजादी की सांस ले रहा हूं।'
सीबीआइ के मामले में चिदंबरम को पहले ही सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी थी, लेकिन इसके बावजूद वह जेल से बाहर नहीं आ पाए थे क्योंकि मनीलांड्रिंग मामले में वह प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में थे। बुधवार को मनीलांड्रिंग केस में भी जमानत मिलने के बाद चिदंबरम के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया।
न्यायमूर्ति आर भानुमती, एएस बोपन्ना और ऋषिकेश राय की पीठ ने पी. चिदंबरम की याचिका स्वीकार करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का जमानत देने से इन्कार करने वाला गत 15 नवंबर का आदेश रद कर दिया। कोर्ट ने कहा है कि 2 लाख के निजी मुचलके व इतनी राशि के दो जमानती पेश करने पर चिदंबरम को रिहा कर दिया जाए।
इजाजत के बगैर विदेश नहीं जाएंगे
इसके साथ ही चिदंबरम का पासपोर्ट जो कि सीबीआइ के पास जमा है वैसे ही जमा रहेगा और वह विशेष न्यायाधीश की इजाजत के बगैर विदेश नहीं जाएंगे। जांच और पूछतांछ मे सहयोग करेगे और बुलाए जाने पर उपलब्ध होंगे। चिदंबरम न तो साक्ष्यों से छेड़छाड़ करेंगे और न ही गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास करेंगे। कोर्ट ने चिदंबरम को आदेश दिया है कि वह केस के बारे में न तो स्वयं के संबंध में और न ही सहअभियुक्तों के संबंध में प्रेस को साक्षात्कार देंगे और न ही कोई सार्वजनिक बयान देंगे।
सील बंद लिफाफे में पेश सामग्री को देखने का इच्छुक नहीं था कोर्ट
कोर्ट ने चिदंबरम को जमानत देते हुए कहा कि वैसे तो वह ईडी की ओर से सील बंद लिफाफे में पेश सामग्री को देखने का इच्छुक नहीं था, लेकिन हाईकोर्ट ने उसे देखकर आदेश में कुछ निष्कर्ष निकालें हैं। ऐसे में उन्हें भी वह सामग्री देखनी होगी। कोर्ट ने कहा कि सामग्री देखकर उन्होंने पाया कि उसमें संबंधित लोगों के बयान और एकत्रित सामग्री दी गई है, जिसमें सह अभियुक्त और पी. चिदंबरम के पुत्र कार्ती चिदंबरम पर मुखौटा कंपनियां बना कर विभिन्न रिश्तेदारों के नाम विभिन्न देशों में बेनामी संपत्तियां खरीदने के आरोप लगाये गए हैं।
अभियुक्त और सहअभियुक्त को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा
कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में वह इससे ज्यादा टिप्पणी नहीं कर सकता, लेकिन ये सब अभी आरोप हैं जिनकी ट्रायल के दौरान पुष्टि होनी है और उस समय अभियुक्त और सहअभियुक्त को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा और उसके बाद ही कोई निष्कर्ष निकलेगा। कोर्ट ने कहा कि ऐसे में उन्हें लगता है कि हाईकोर्ट द्वारा उस सामग्री पर निष्कर्ष निकाल कर टिप्पणी करना न्यायोचित नहीं था।
चिदंबरम को हिरासत मे लिया गया और पूछताछ हुई
कोर्ट ने कहा कि पी. चिदंबरम की अंतरिम संरक्षण और अग्रिम जमानत मांगने वाली अर्जी कोर्ट ने इसलिए ठुकरा दी थी कि इस तरह के मौजूदा मामले मे जहां गंभीर आर्थिक अपराध के आरोप हों, हिरासत मे लेकर पूछताछ जरूरी होती है। अर्जी खारिज होने के बाद चिदंबरम को हिरासत मे लिया गया और पूछताछ हुई। ईडी के केस मे भी अभियुक्त 16 अक्टूबर से हिरासत मे है। वह हिरासत मे पूछताछ के लिए 45 दिन से ज्यादा समय तक उपलब्ध था। उन पर आरोप हैं कि जब वह वित्तमंत्री थे उन्होंने अपने पुत्र जो कि मामले में सहअभियुक्त की मदद की थी।
एकत्रित सामग्री की ट्रायल के दौरान पुष्टि होनी है
कोर्ट ने कहा कि इसमे एकत्रित सामग्री की ट्रायल के दौरान पुष्टि होनी है। इस मामले में एक सहअभियुक्त को अदालत से जमानत मिली हुई है जबकि दूसरे को अंतरिम संरक्षण मिला हुआ है। कोर्ट ने कहा कि चिदंबरम 74 वर्ष के हैं और हिरासत के दौरान दो बार बीमार पड़ चुके हैं उनकी दवाइयां चलीं।
चिदंबरम जमानत पाने के हकदार
पहले ही यह माना जा चुका है कि उनके भागने, साक्ष्यों या गवाहों को प्रभावित करने की संभावना नहीं है और इन सारी परिस्थितियों के देखते हुए और उनकी हिरासत की अवधि को देखते हुए चिदंबरम जमानत पाने के हकदार हैं। कोर्ट ने फैसले में साफ किया है कि आदेश मे की गई टिप्पणियां अन्य अभियुक्तों के बारे में नहीं लागू होंगी।