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सोनिया से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी बोलीं, 2024 में कोई भी बने विपक्ष का नेता, मुझे काडर रहना पसंद

संसद के मानसून सत्र के बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार शाम को 10 जनपथ पर मुलाकात की। इस दौरान 2024 के लोकसभा चुनावों के विपक्षी एकता के स्‍वरूप पर दोनों विपक्ष के प्रमुख नेत्री बातचीत की।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 05:18 PM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 11:00 PM (IST)
सोनिया से मुलाकात के बाद ममता बनर्जी बोलीं, 2024 में कोई भी बने विपक्ष का नेता, मुझे काडर रहना पसंद
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। बंगाल चुनाव जीतकर विपक्षी दलों के बीच प्रमुख चेहरा बनीं ममता बनर्जी चाहती हैं कि 2024 के लिए भाजपा के खिलाफ एक मजबूत विकल्प खड़ा हो, लेकिन फिलहाल इसका कोई आकार सामने नहीं है। उनका साफ कहना है, सभी दलों को हिम्मत के साथ खड़ा होना होगा, मन बनाना होगा, तभी कुछ तय हो सकता है। हालांकि वह खुद को ऐसे किसी विकल्प के नेता की दौड़ में शामिल नहीं करना चाहतीं। वह कहती हैं, मुझे कोई आपत्ति नहीं अगर कोई और चेहरा बनता है। वैसे भी कोलकाता में प्यारा सा घर है। मेरी मंशा तो सिर्फ बिल्ली के गले में घंटी बांधने की है। मैं काडर रहना ही पसंद करूंगी।

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विपक्षी एकता बहुत जरूरी पर फिलहाल स्वरूप पर स्पष्ट सोच नहीं

बंगाल में फिर सत्ता संभालने के बाद पहली बार दिल्ली आईं ममता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से औपचारिक मुलाकात के साथ-साथ कुछ विपक्षी दलों के नेताओं से मिल चुकी हैं। बुधवार को भी उन्होंने सोनिया गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत अन्य नेताओं से मुलाकात की। इससे पहले मीडिया से रूबरू ममता से ज्यादातर सवाल विपक्षी मोर्चे को लेकर हुए। ममता ने बेलाग कहा, 'अभी तो बच्चे का जन्म भी नहीं हुआ और नामकरण की बात शुरू हो गई.. भाजपा से लड़ने के लिए मजबूत एकजुटता की जरूरत है, देश भी यही चाहता है, लेकिन इसका आकार, इसकी रणनीति सब कुछ तभी तय होगा जब सभी मिल बैठेंगे।'

कांग्रेस से संबंधों पर बोलीं, बीती बातों को भुलाकर आगे बढ़ने का वक्त

उन्होंने कहा कि माहौल बदलते वक्त नहीं लगता, इतिहास गवाह है कि अटल बिहारी वाजपेयी के काल में भी कई चीजें बदल गई थीं, बहुत लंबे समय की जरूरत नहीं, तीन महीने में भी बहुत कुछ हो सकता है। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें कांग्रेस पर भरोसा है तो उन्होंने कहा, 'सोनिया जी से मेरे अच्छे संबंध हैं, मैं कांग्रेस के अंदरूनी मामलों में नहीं जाना चाहती, लेकिन इतना कहूंगी कि जब एकजुट लड़ाई की बात आएगी तो बीती बातें भूलकर आगे बढ़ने की कोशिश होगी।'

वाम दल तय करें कि दुश्मन कौन, भाजपा या तृणमूल कांग्रेस

वाम दलों के व्यवहार पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें पहले तय करना होगा कि दुश्मन भाजपा है या तृणमूल। शाम को सोनिया से हुई मुलाकात के बाद भी उन्होंने दोहराया कि विपक्षी एकजुटता समय की मांग है और उस पर जल्द आगे बढ़ा जाएगा। उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में आगामी चुनावों को लेकर उन्होंने कहा कि अभी कुछ भी तय नहीं है।

पेगासस मुद्दे पर बुधवार को राहुल गांधी की अगुआई में मीडिया के सामने विपक्षी एकता के वक्त तो तृणमूल उससे दूर रही, लेकिन ममता पेगासस को लेकर आक्रामक थीं। उन्होंने यह बताने से मना कर दिया कि प्रधानमंत्री ने उनसे क्या कहा, लेकिन जोर देकर कहा कि पेगासस जनता से जुड़ा मुद्दा है। हर हाथ में फोन है और लोग व्यक्तिगत स्वतंत्रता चाहते हैं। बंगाल सरकार ने न्यायिक आयोग बिठा दिया है जो इसकी जांच करेगा। अगर सुप्रीम कोर्ट कोई और फैसला देता है तो उसका पालन किया जाएगा।


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