Punjab Congress Sidhu Crisis: फजीहत करा रहे सिद्धू पर अब मेहरबान नहीं कांग्रेस हाईकमान, नहीं माने तो 'आउट' होंगे गुरु
सिद्धू को साफ संदेश दे दिया गया है कि पंजाब में पार्टी को अराजक स्थिति में पहुंचाने की उनकी ताजा कोशिश के बाद हाईकमान सुलह-सफाई का संवाद नहीं करेगा। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ पंजाब कांग्रेस के नेता ही सिद्धू से सुलह की बात करेंगे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली/चंडीगढ़। नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे से हुई फजीहत से नाराज कांग्रेस हाईकमान ने साफ संकेत दिए हैं कि पार्टी अब पूर्व क्रिकेटर के नखरे नहीं उठाएगी। सिद्धू इस्तीफा वापस लेने की शर्तो पर अडिग रहे तो कांग्रेस पंजाब में नया अध्यक्ष नियुक्त करेगी। सिद्धू पर सियासी दबाव बनाने के लिए कांग्रेस नेतृत्व ने नए प्रदेश अध्यक्ष के वैकल्पिक नामों पर गौर करना भी शुरू कर दिया है। हाईकमान ने सिद्धू के रवैये को देखते हुए ही ऐसा कड़ा रुख अपनाया है। सिद्धू ने बुधवार को ट्विटर पर एक वीडियो जारी कर अपने इरादे साफ कर दिए। उन्होंने कहा कि मैं अड़ूंगा और लड़ूंगा, सब जाता है तो जाए।' यानी वह शांत बैठने वाले नहीं हैं। सिद्धू ने कहा कि मेरा इस्तीफा पंजाब के हितों व नैतिकता के सवाल पर है। मैं इनसे समझौता नहीं करूंगा। उनकी मुख्य नाराजगी डीजीपी और एडवोकेट जनरल (एजी) की नियुक्ति पर है।
उनके इस रवैये को देखते हुए पंजाब से लेकर दिल्ली तक वरिष्ठ नेताओं ने भी हाईकमान पर सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार करने का दबाव बढ़ा दिया है। उनकी जगह नया अध्यक्ष बनाने की आवाज उठ रही है।इस दबाव के बाद हाईकमान ने सिद्धू को साफ संदेश दे दिया गया है कि पंजाब में पार्टी को अराजक स्थिति में पहुंचाने की उनकी ताजा कोशिश के बाद हाईकमान सुलह-सफाई का संवाद नहीं करेगा। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ पंजाब कांग्रेस के नेता ही सिद्धू से सुलह की बात करेंगे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस हाईकमान सिद्धू के कदम और व्यवहार से बेहद क्षुब्ध है। अपने इस्तीफे से पहले उन्होंने नेतृत्व से कोई चर्चा तक नहीं की। सिद्धू के इस कदम से पंजाब में कांग्रेस की बमुश्किल थमी खींचतान जहां एक बार फिर नाजुक दौर में पहुंच गई है। वहीं सिद्धू के दबाव में अमरिंदर सिंह की बलि लेने के कारण कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अपने वरिष्ठ नेताओं के निशाने पर आ गया है।
सिद्धू के इस रुख से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ही नहीं बल्कि उनके समर्थन में जमकर सियासी बैटिंग करने वाली पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी बहुत हैरान व आहत हैं। हाईकमान की नाराजगी का अंदाजा इसी बात से मिलता है कि पंजाब के प्रभारी महासचिव हरीश रावत को इस बार चंडीगढ़ जाकर सिद्धू को मनाने का प्रयास करने से रोक दिया गया है। हाईकमान ने मुख्यमंत्री चन्नी के इस बयान के जरिये सिद्धू को संदेश भी दे दिया कि पार्टी, हमेशा व्यक्ति से बड़ी होती है। कांग्रेस नेतृत्व का संदेश सिद्धू के लिए साफ है कि आपसी संवाद से छोटी-मोटी शिकायतों का हल निकालने के लिए वे तैयार हैं तो इस्तीफा वापस लेने की पहल उन्हें करनी होगी।
मनीष तिवारी ने कहा, पंजाब में जो कुछ हो रहा, उससे पाकिस्तान खुश
श्री आनंदपुर साहिब के सांसद मनीष तिवारी ने लगातार दूसरे दिन सिद्धू के इस्तीफे पर कहा कि पंजाब के सांसद के रूप में प्रदेश में होने वाली घटनाओं से बेहद व्यथित हूं। पंजाब में शांति बड़ी मुश्किल से आई है। राज्य में जो कुछ हो रहा है, उससे केवल पाकिस्तान खुश है।'
पद छोड़कर नहीं भागना चाहिए था: औजला
अमृतसर के सांसद गुरजीत औजला ने भी कड़े शब्दों में नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि सिद्धू को अगर किसी फैसले से दिक्कत थी तो उन्हें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से बात करनी चाहिए थी। ऐसे पद छोड़कर नहीं भागना चाहिए था। कांग्रेस नेतृत्व ने सिद्धू को जो जिम्मेदारी दी है, उसका सम्मान करना चाहिए।
'प्रियंका की टीम ने इस्तीफे को बताया 'धोखा'
सिद्धू को कदम-कदम पर कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी का साथ मिला है, लेकिन अब उनकी टीम के नेताओं ने भी सिद्धू के इस्तीफे को हाईकमान के साथ धोखा बताया है। पार्टी के नेता आचार्य प्रमोद ने कहा कि पंजाब में पार्टी की साख दांव पर लगी है। ऐसे में सिद्धू का इस्तीफा पार्टी हाईकमान के विश्वास के साथ एक बड़ा धोखा है।'
नए मुख्यमंत्री को अस्थिर नहीं करेगा हाईकमान
कांग्रेस के पर्यवेक्षक हरीश चौधरी बुधवार सुबह चंडीगढ़ पहुंचे। वह सीधे मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के निवास स्थान पर चले गए और वर्तमान स्थिति पर चर्चा की। चौधरी ने विधायकों का मन भी टटोला। सूत्रों के अनुसार अब हाईकमान भी चन्नी को अस्थिर नहीं करना चाहता। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी सिद्धू से केवल फोन पर चर्चा की। वह भी उन्हें मनाने के लिए पटियाला नहीं गए। हालांकि, दो मंत्री और आठ विधायक सिद्धू को मनाने गए थे पर वो नहीं माने।