नवजोत के बचाव में उतरी कांग्रेस, कहा- सिद्धू नहीं भारत-पाक का रिश्ता है असली मुद्दा
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने सिद्धू की पाक यात्रा से जुड़े विवाद पर पार्टी का रुख साफ करते हुए सरकार पर यह जवाबी वार किया।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू की पाकिस्तान यात्रा को लेकर भाजपा के सियासी प्रहार को बेमतलब करार देते हुए कहा है कि मुद्दा सिद्धू नहीं भारत और पाकिस्तान का रिश्ता है। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पाक पीएम इमरान खान को लिखे पत्र के बाद सरकार को यह साफ करना चाहिए कि क्या उसने पाकिस्तान से वार्ता के लिये भारत की लाल लकीरों को हटा लिया है।
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने सिद्धू की पाक यात्रा से जुड़े विवाद पर पार्टी का रुख साफ करते हुए सरकार पर यह जवाबी वार किया। उनका कहना था कि सिद्धू निजी हैसियत से वहां गये थे इसलिए यह कोई मुद्दा नहीं। असली मसला यह है कि पीएम मोदी के पत्र के बाद पाकिस्तान ने कहा है कि भारत रचनात्मक वार्ता की पहल के लिए तैयार है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने यह लाइन खींच रखी है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं हो सकती। सरकार ने यह भी कहा था कि मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य गुनहगार जकीउर रहमान लखवी और हाफिज सईद जैसे आतंकियों के खिलाफ मुकदमों का ट्रायल नहीं होता तब तक वार्ता नहीं होगी। इसीलिए सरकार देश को यह बताये कि क्या पाकिस्तान से वार्ता के लिए इन लाल लकीरों को हटा दिया गया है।
सिद्धू के बहाने भाजपा के कांग्रेस पर हमले का जवाब देते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि एनडीए सरकार की पाकिस्तान को लेकर ढुलमुल नीति रही है। पीएम मोदी ने अपनी ताजपोशी में नवाज शरीफ का बुलाया और तीन महीने बाद हुर्रियत के मसले पर विदेश सचिव वार्ता रद्द कर दी। कुछ समय बाद दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बैंकाक में मिले और फिर सुषमा स्वराज अपने पाकिस्तानी समकक्ष सरताज अजीज से गर्मजोशी से रूबरू हुई। इसके बाद पीएम मोदी खुद ही अचानक नवाज शरीफ से गले मिलने लाहौर पहुंच गये और पठानकोट का आतंकी हमला हो गया।
तिवारी ने कहा कि सरकार की लचर पाक नीति का ही नतीजा रहा कि जिस आईएसआई ने पठानकोट का आतंकी हमला कराया और जो पूरे दक्षिण एशिया में आतंकवाद की जननी हो उसी को जांच के लिए बुला लिया।
उन्होंने कहा कि आईएसआई को अपने एयरफोर्स बेस में बुलाने से ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता। सिद्धू के पाकिस्तान सेना प्रमुख से गले मिलने के औचित्य के बारे में पूछे जाने पर तिवारी ने कहा कि सरकार अपनी नाकाम पाकिस्तान नीति से ध्यान बंटाने के लिए अपने सरपरस्त मीडिया चैनलों के जरिये सतही बातों को उछाल रही है।