भारत के RCEP से बाहर रहने को कांग्रेस ने बताई अपनी जीत, मोदी सरकार ने बताई ये वजह
कांग्रेस ने मुक्त व्यापार समझौते आरसेप में शामिल नहीं होने के भारत के फैसले को राष्ट्रहित के लिए संघर्ष करने वाले सभी ताकतों की जीत करार दिया है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस ने मुक्त व्यापार समझौते आरसेप में शामिल नहीं होने के भारत के फैसले को राष्ट्रहित के लिए संघर्ष करने वाले सभी ताकतों की जीत करार दिया है। साथ ही पार्टी ने इसका श्रेय लेते हुए साफ कर दिया है कि कांग्रेस और राहुल गांधी के तगड़े विरोध ने भाजपा सरकार को आरसेप समझौते से पीछे हटने के लिए बाध्य किया है।
भारत के अपने हितों के मद्देनजर आरसेप में शामिल नहीं होने के एलान के तुरंत बाद कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट के जरिये पार्टी की यह प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ताकतवर विरोध के चलते किसानों, दुग्ध उत्पादकों, मछुआरों, छोटे और बड़े व्यवसायों के हितों पर प्रहार के लिए आगे बढ़ी सरकार को अपने कदम रोकने पड़े हैं।
सुरजेवाला ने कहा कि भयंकर बेरोजगारी, डूबती अर्थव्यवस्था, खेती के संकट और आर्थिक कुप्रबंधन के इस दौर में आरसेप भारत के लिए बड़ी विपदा होने वाला था। इससे समझौते का हिस्सा बनते ही भारत सस्ते चीनी वस्तुओं का डंपिंग बाजार बन जाता और देशी उद्योग व कारोबार बर्बाद हो जाते।
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने दावा किया कि आरसेप भारतीय अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से बिगाड़ कर रख देगा। भारत में सस्ते सामानों की बाढ़ आ जाएगी। इससे लाखों लोगों की नौकरियां जाएंगी।
गौरतलब है कि भारत ने क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है। सूत्रों के मुताबिक, समझौते में पीएम मोदी की प्रमुख चिंताओं को शामिल नहीं किया गया, इसलिए भारत समझौते में शामिल नहीं हुआ है। बता दें कि भारत की प्रमुख चिंताओं में कुछ खास बिंदु शामिल थे, जिनमें आयात वृद्धि के खिलाफ अपर्याप्त सुरक्षा, चीन के साथ अपर्याप्त अंतर, उत्पत्ति के नियमों की संभावित ढकोसला, 2014 के रूप में आधार वर्ष को ध्यान में रखते हुए और बाजार पहुंच व गैर टैरिफ बाधाओं पर कोई विश्वसनीय आश्वासन नहीं देना शामिल रहा।