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कांग्रेस ने शिव और राम, दोनों के द्रोह का पाप किया: धरमलाल कौशिक

कौशिक ने कटाक्ष किया कि कांग्रेस अध्यक्ष की इस यात्रा को लेकर कांग्रेस स्वयं दुविधा की शिकार नजर आ रही है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sat, 08 Sep 2018 09:00 PM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 09:01 PM (IST)
कांग्रेस ने शिव और राम, दोनों के द्रोह का पाप किया: धरमलाल कौशिक
कांग्रेस ने शिव और राम, दोनों के द्रोह का पाप किया: धरमलाल कौशिक

रायपुर, नईदुनिया, राज्य ब्यूरो। प्रदेश भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की कैलाश-मानसरोवर यात्रा को राजनीतिक पाखंड निरूपित किया है। शनिवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष कौशिक ने कटाक्ष किया कि कांग्रेस अध्यक्ष की इस यात्रा को लेकर कांग्रेस स्वयं दुविधा की शिकार नजर आ रही है। ट्वीटर पर कांग्रेस और राहुल के सहयात्रियों के दावों में ही परस्पर विरोधाभास है। वहीं राहुल गांधी द्वारा साझा की गई यात्रा की तस्वीरो की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठ रहे हैं। प्रदेश भाजपाध्यक्ष ने कहा कि दरअसल यह यात्रा महज राजनीतिक लाभ लेने की शर्मनाक कोशिश है और कांग्रेस अध्यक्ष अपने इस राजनीतिक पाखंड के उद्देश्यों में सफल नहीं होंगे।

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कौशिक ने कहा कि समूची कांग्रेस इन दिनों भ्रम के दौर से गुजर रही है। कांग्रेस नेताओं को इतिहास के पन्न्े पलट लेने की नसीहत देते हुए कौशिक ने कहा कि यह वही कांग्रेस है, जिसके पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सोमनाथ के मंदिर के पुनरुद्धार का विरोध किया था। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में जाने का विरोध किया था। जब तत्कालीन गृहमंत्री सरदार पटेल की पहल पर सोमनाथ मंदिर का पुनरुद्धार हुआ और डॉ. राजेन्द्र प्रसाद वहां जाने वाले थे, तब नेहरू ने यह कहकर उनको जाने से रोकने की भरपूर कोशिश की कि उनका जाना भारत के संवैधानिक ढांचे की मर्यादा के प्रतिकूल रहेगा। नेहरू ने तो खुद कहा है कि वे दुर्घटनावश हिंदू है।

रामसेतु प्रकरण में हलफनामा देकर भगवान राम को काल्पनिक बताने के प्रसंग का जिक्र कर कौशिक ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष स्वयं मुस्लिमों की पार्टी बताते हैं, कभी पार्टी प्रवक्ता जिस पार्टी के डीएनए में ब्राम्हण होना बताते हैं, कभी जिस पार्टी के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह देश के संसाधनों पर मुसलमानों का पहला हक मानते हैं, उस पार्टी के अध्यक्ष की मानसरोवर यात्रा सिवाय राजनीतिक पाखंड के और कुछ नहीं हैं। भगवान श्रीराम कहते हैं कि शिव का द्रोही होकर कोई मेरा भक्त कहलाए, यह मुझे नहीं भाता। इसी तरह शिव द्रोही मेरा भक्त या मेरा द्रोही शिव-भक्त होने की बात कहे, वह घोर नर्क में वास करता है। कांग्रेस ने तो दोनो ही देवों के द्रोह का पाप कर दिया है। सोमनाथ मंदिर का विरोध कर शिव-द्रोह कर डाला और श्रीराम को भगवान नहीं, काल्पनिक बताकर राम-द्रोह कर डाला। अब तो जितना राजनीतिक पाखंड रच लें, यह तय है कि राहुल कांग्रेस की दुर्गति रोक नहीं सकेंगे।


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