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हिमाचल और गुजरात की चुनावी तैयारियों को लेकर सक्रिय हुई कांग्रेस, चुनावी रणनीति को लेकर राहुल ने नेताओं के साथ की बैठक

पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस सजग है। कांग्रेस ने अभी से हिमाचल प्रदेश और गुजरात के विधानसभा चुनावों को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। कांग्रेस हाईकमान की ओर से बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 21 Mar 2022 08:54 PM (IST)Updated: Tue, 22 Mar 2022 08:05 AM (IST)
हिमाचल और गुजरात की चुनावी तैयारियों को लेकर सक्रिय हुई कांग्रेस, चुनावी रणनीति को लेकर राहुल ने नेताओं के साथ की बैठक
राहुल गांधी ने सोमवार को गुजरात के वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ बैठक की।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में मिली हार से पार्टी में मची उथल-पुथल के बीच कांग्रेस हिमाचल प्रदेश और गुजरात के विधानसभा चुनावों को लेकर सतर्क नजर आ रही है। चुनावी तैयारियों पर इन दोनों सूबों के नेताओं के साथ कांग्रेस हाईकमान की ओर से बैठकों का सिलसिला शुरू किया जाना इसका साफ संकेत है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को गुजरात के वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ चुनावी रणनीति तैयार करने को लेकर बैठक की।

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वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के पार्टी विधायकों के साथ बैठक कर चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगी। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही पार्टी की राज्यों में लगातार हो रही हार को लेकर कांग्रेस में अंदरूनी उठापटक चल रही है। पार्टी के असंतुष्ट खेमे यानी समूह 23 के नेताओं ने कांग्रेस नेतृत्व को गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावों को लेकर भी आगाह कर दिया है।

असंतुष्ट नेताओं की गुलाम नबी आजाद के घर पिछले सप्ताह हुई बैठक के दौरान साफ कहा गया कि पार्टी की मौजूदा हालत को दुरूस्त नहीं किया गया तो हिमाचल और गुजरात की चुनावी राह भी मुश्किल होगी। पंजाब की सत्ता हाथ से निकलने का हवाला देते हुए इन नेताओं ने पार्टी हाईकमान को संदेश दिया था कि हिमाचल और गुजरात चुनाव के लिए मौजूदा खामियों को दूर कर विशेष चुनावी रणनीति तैयार करने की जरूरत है।

इन नेताओं की स्पष्ट राय थी कि इन दोनों राज्यों में कांग्रेस को चुनावी जीत नहीं मिली तो राजस्थान और छत्तीसगढ़ के अगले चुनाव में भी पार्टी की राह मुश्किल होगी और ऐसा हुआ तो 2024 के लोकसभा चुनाव तक कांग्रेस के पास राज्यों में सत्ता का शायद ही कोई आधार बचेगा।

पार्टी के मौजूदा राजनीतिक हालातों से साफ है कि गुजरात और हिमाचल का चुनाव कांग्रेस के साथ ही उसके नेतृत्व के लिए सियासी अग्नि परीक्षा से कुछ कम नहीं है। राहुल गांधी की गुजरात के नेताओं के साथ हुई बैठक और सोनिया गांधी की हिमाचल के विधायकों के साथ मंगलवार को होने वाली मुलाकात इन दोनों राज्यों की बड़ी चुनावी चुनौती से निपटने के लिए नेतृत्व की गहरी हुई चिंता का ही संकेत है। 


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