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Congress Attacks PM Modi: 'फ्रीबीज' वाले प्रधानमंत्री केे बयान पर कांग्रेस ने साधा निशाना, लोन माफी को लेकर पूछे कई सवाल

हाल में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनावी अभियान के दौरान मुफ्त में चीजों के वितरण की प्रथा खत्म करने की बात कही है। इसे लेकर ही आज कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और कई सवाल उठाए हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 12 Aug 2022 02:59 PM (IST)Updated: Fri, 12 Aug 2022 02:59 PM (IST)
Congress Attacks PM Modi: 'फ्रीबीज' वाले प्रधानमंत्री केे बयान  पर कांग्रेस ने साधा निशाना, लोन माफी को लेकर पूछे कई सवाल
फ्रीबीज वाले प्रधानमंत्री केे बयान पर कांग्रेस ने साधा निशाना

 नई दिल्ली, एजेंसी। चुनाव अभियान के दौरान मुफ्त सामान, लुभावनी चीजें और वायदों का अंबार लगा दिया जाता है। इसे मुफ्त रेवड़ियां या फ्रीबीज कहते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसपर रोक लगाने की बात कही। इसे लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा। मुफ्त में चीजों को बांटने के कल्चर को खत्म करने की बात हाल में ही प्रधानमंत्री ने की थी। कांग्रेस ने सवाल किया कि 5.8 लाख करोड़ रुपये के बैंक कर्ज को क्यों माफ किया गया और 1.45 लाख करोड़ रुपये के कार्पोरेट टैक्स को क्यों कम किया गया।

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2022 के लिए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए वादों की दिलाई याद 

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने आज कहा कि बड़े कार्पोरेट के बैंक कर्ज माफी और कार्पोरेट टैक्स में कमी को लेकर चर्चा कब की जाएगी। बीते पांच सालों में बैंक ने 9.92 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को माफ कर दिया।वल्लभ ने मोदी सरकार को 2022 में किए गए उनके वादों की याद दिलाई। जिसमें कहा गया था कि हर भारतीय के पास 2022 तक एक घर होगा, किसानों की आय 2022 तक दोगुनी हो जाएगी, बुलेट ट्रेन भी 2022 तक चल जाएगी।उन्होंने खाद्य सुरक्षा कानून, किसानों को MSP, MGNREGA और मिड डे मील जैसी योजनाओं का जिक्र किया जो मुश्किल के वक्त में गरीबों को उपलब्ध कराया गया था।

सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई होगी 17 अगस्त को 

चुनाव में मुफ्त सुविधाओं का वायदा करने वाली राजनीतिक पार्टियों की मान्यता रद करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर है। जनता की भलाई के लिए लाई जाने वाली जनकल्याण योजनाएं और देश की आर्थिक सेहत दोनों में संतुलन बनाए रखने की जरूरत है। चीफ जस्टिस ने मामले में सभी पक्षों से कमेटी बनाने पर सुझाव मांगते हुए अगली सुनवाई 17 अगस्त को निर्धारित की है।


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