Move to Jagran APP

MP Political Crisis: राज्यपाल और सरकार आमने-सामने, भोपाल पहुंचे भाजपा विधायक

मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार के भविष्य का फैसला सोमवार को होगा या नहीं इस पर संशय पैदा हो गया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 15 Mar 2020 09:48 PM (IST)Updated: Mon, 16 Mar 2020 07:32 AM (IST)
MP Political Crisis: राज्यपाल और सरकार आमने-सामने, भोपाल पहुंचे भाजपा विधायक
MP Political Crisis: राज्यपाल और सरकार आमने-सामने, भोपाल पहुंचे भाजपा विधायक

भोपाल, राज्य ब्यूरो। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को कमलनाथ सरकार फ्लोर टेस्ट नहीं कराएगी। रविवार रात जारी विधानसभा की कार्यसूची में इसका उल्लेख नहीं है। राज्यपाल लालजी टंडन ने शनिवार रात को मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर निर्देश दिए थे कि सोमवार को अभिभाषण के ठीक बाद सरकार विधानसभा में विश्वास मत हासिल करे। रविवार को पुन: राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को आदेश दिया कि सदन में हाथ उठाकर मत विभाजन की कार्यवाही हो, विश्वास मत के लिए अन्य कोई तरीका न अपनाया जाए।

loksabha election banner

इसके बावजूद सरकार फ्लोर टेस्ट नहीं कराने के फैसले पर अड़ी हुई है। इसके लिए वह कोरोना वायरस का खतरा जता सकती है। भाजपा और कांग्रेस ने अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी कर दिए हैं। विस भवन के आसपास धारा 144 लागू कर दी गई है। इस बीच, जयपुर से कांग्रेस विधायक रविवार को भोपाल पहुंच गए और गुरुग्राम से भाजपा के विधायक भी देर रात रवाना हो गए थे।

फ्लोर टेस्ट को लेकर रविवार को दिनभर संशय बना रहा। देर शाम विधानसभा की कार्यसूची जारी हुई तब जाकर यह स्पष्ट हो पाया कि सोमवार के एजेंडे में फ्लोर टेस्ट का कोई कार्यक्रम नहीं है। सुबह 11 बजे सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होगी। इससे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दोहराया कि वह फ्लोर टेस्ट को तैयार हैं, लेकिन जब तक बेंगलुर में बंधक उनके विधायकों को स्वतंत्र नहीं किया जाता, यह नहीं हो सकता। इस्तीफे की पुष्टि के लिए विधानसभा अध्यक्ष के सामने विधायकों को पेश होना जरूरी है।

स्पीकर के संतुष्ट हुए बगैर फ्लोर टेस्ट का कोई मतलब नहीं है। स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि फ्लोर टेस्ट का फैसला सदन ही करेगा। सदन क्या फैसला लेगा, यह काल्पनिक सवाल है। फ्लोर टेस्ट को भी उन्होंने काल्पनिक सवाल बता दिया।

सक्रिय रही भाजपा

भाजपा पूरी तरह सक्रिय रही। रविवार को कई बार राजभवन जाकर भाजपा नेताओं ने राज्यपाल को अवगत कराया कि सरकार उनके निर्देशों की अवहेलना कर रही है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव व विधायक नरोत्तम मिश्रा ने राज्यपाल को पत्र सौंपकर मांग की थी कि हाथ उठाकर बहुमत के लिए वोटिंग कराई जाए, क्योंकि विस में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम नहीं है।

वहीं, पार्टी के प्रमुख नेताओं ने गृहमंत्री अमित शाह के नई दिल्ली स्थित निवास पर महत्वपूर्ण बैठक कर रणनीति तैयार की। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, धर्मेंद्र प्रधान, शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सुप्रीम कोर्ट के सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता से दो घंटे चर्चा की। उन्होंने राज्यपाल के निर्देश के बाद भी फ्लोर टेस्ट न कराने की स्थिति में कानूनी सलाह ली। भोपाल में भाजपा विधायक दल ने व्हिप भी जारी कर दिया, ताकि कोई विधायक फ्लोर टेस्ट में गड़बड़ न कर सके। 

विधानसभा सचिवालय को सूचना नहीं

राज्यपाल ने विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह को तलब कर सदन में इलेक्ट्रानिक वोटिंग सिस्टम से वोटिंग कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन एपी सिंह ने कहा कि फ्लोर टेस्ट यानी विश्वास मत हासिल करने का प्रस्ताव सदन के नेता द्वारा लाया जाता है तो परंपराओं के तहत कम से कम एक दिन पहले उसकी सूचना विधानसभा को दी जाती है। रविवार शाम तक विधानसभा को यह सूचना नहीं मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में भी इसकी सूचना दी जा सकती है।

रजिस्टर में एंट्री से होगा मतदान

एपी सिंह ने बताया कि फ्लोर टेस्ट की स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग सिस्टम से मतदान नहीं होगा, क्योंकि यह व्यवस्था राज्य विधानसभा में उपलब्ध नहीं है। मतदान के लिए रजिस्टर में विधायकों से एंट्री कराई जाएगी। दाई और बाई तरफ की लॉबी में सरकार के पक्ष और सरकार के विपक्ष के विधायकों की एंट्री का सिस्टम रखा जाएगा।

कांग्रेस विधायकों के लौटने पर हुई कोरोना की जांच

कई दिन तक जयपुर में रहे कांग्रेस के 82 विधायकों को रविवार सुबह विशेष विमान से भोपाल के राजा भोज विमानतल पर लाया गया। यहां सभी की कोरोना वायरस की जांच की गई। शाम को मुख्यमंत्री निवास में विधायक दल की बैठक भी हुई, जिसमें पार्टी ने सदन की रणनीति से विधायकों को अवगत कराया। इससे पहले कमलनाथ ने कैबिनेट की बैठक भी की।

मध्‍य प्रदेश विधानसभा की दलीय स्थिति

कुल विधायक 230

प्रभावी संख्या 222

कांग्रेस 108

भाजपा 107

बसपा 02

सपा 01

निर्दलीय 04

रिक्त 08

क्या हैं संभावनाएं-

- अभिभाषण और कृतज्ञता ज्ञापन पर चर्चा के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित की जा सकती है।

- राज्यपाल के निर्देश के बावजूद फ्लोर टेस्ट नहीं कराने के खिलाफ भाजपा सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।

- राज्यपाल पुन: बैठक बुलाने और मुख्यमंत्री कमलनाथ को विश्वास मत हासिल करने का निर्देश दे सकते हैं।

- सरकार विधायकों के इस्तीफे मंजूर करने से पूर्व उन्हें स्वतंत्र कराने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।

-स्पीकर कुछ भाजपा विधायकों को निलंबित कर फ्लोर टेस्ट करा सकते हैं।

-कांग्रेस विधायक हंगामा कर विधानसभा को स्थगित करा सकते हैं।

संवैधानिक वर्जनाएं टूटने पर होगी कार्रवाई

राजभवन के सूत्रों का दावा है कि संविधान की वर्जनाएं टूटने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। इस मुद्दे पर राष्ट्रपति सचिवालय, प्रधानमंत्री कार्यालय एवं केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेज दी गई है, जिसमें मौजूदा हालात का उल्लेख है। मामले पर राजभवन 'वेट एंड वॉच' की स्थिति में है। जरूरी हुआ तो संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग भी किया जा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.