डिफॉल्टरों पर कसेगी लगाम, देश छोड़ने से रोकने को कमेटी देगी सुझाव
कमेटी अब विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे और मामले न हों इसके लिए जरूरी कदमों पर गौर करेगी।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। बैंकों से कर्ज लेकर विदेश भाग जाने वालों की रोकथाम के लिए सरकार ने वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी अब विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी जैसे और मामले न हों इसके लिए जरूरी कदमों पर गौर करेगी। साथ ही सरकार कमेटी को यह भी सुझाव देगी कि मौजूदा कानूनों में किन बदलावों की जरूरत है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, उन कंपनी मालिकों पर अधिक ध्यान केंद्रित होगा, जिनके पास किसी अन्य देश की नागरिकता है। ताकि फिर नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजया माल्या जैसे प्रकरण न दोहराये जा सकें। सूत्रों का कहना है कि कमेटी की पहली बैठक में दोहरी नागरिकता और आर्थिक अपराधी देश छोड़कर भाग न जाएं, इस पर चर्चा होगी। इस उच्च स्तरीय कमेटी के अन्य सदस्यों में प्रवर्तन निदेशालय, सीबीआइ, आइबी और भारतीय रिजर्व बैंक के प्रतिनिधि भी होंगे। इसके अलावा, कमेटी में गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि भी होंगे।
दरअसल, मौजूदा व्यवस्था में किसी डिफॉल्टर को दोषी सिद्ध करने में बहुत वक्त लग जाता है। लिहाजा, भारतीय नागरिकता को लेकर विभिन्न सुझाव आए हैं। घरेलू कानूनों में भी बदलाव की जरूरत देखी गई है।
उल्लेखनीय है कि दो अरब अमेरिकी डॉलर के पीएनबी घोटाले के उभरने के बाद ही नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी विदेश भाग गए थे। इसलिए वित्त मंत्रालय ने सभी सरकारी बैंकों को निर्देश दिया था कि वह 50 करोड़ रुपये से अधिक के डिफॉल्टरों के पासपोर्ट के ब्योरे ले लें, ताकि उनके भागने की कोशिश को नाकाम किया जा सके।