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चार वकीलों को कर्नाटक हाईकोर्ट में जज बनाने की सरकार की आपत्ति को कोलेजियम ने ठुकराया

CJI रंजन गोगोई ने इंटेलिजेंस ब्यूरो की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उसकी रिपोर्ट में लिखा है कि इन चारों वकीलों के खिलाफ कुछ भी देखने को नहीं मिला है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 02:26 AM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 02:26 AM (IST)
चार वकीलों को कर्नाटक हाईकोर्ट में जज बनाने की सरकार की आपत्ति को कोलेजियम ने ठुकराया
चार वकीलों को कर्नाटक हाईकोर्ट में जज बनाने की सरकार की आपत्ति को कोलेजियम ने ठुकराया

नई दिल्ली, प्रेट्र। चार वकीलों को प्रोन्नति देने पर सरकार की आपत्ति को सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने शुक्रवार को खारिज कर दिया है। अब कोलेजियम ने इन्हीं चार नामों की कर्नाटक हाईकोर्ट में बतौर जज नियुक्ति के लिए फिर से सिफारिश की है।

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आइबी रिपोर्ट का हवाला

कोलेजियम की अध्यक्षता कर रहे देश के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने इंटेलिजेंस ब्यूरो (आइबी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उसकी रिपोर्ट में लिखा है कि इन लोगों की निजी और व्यावसायिक छवि बहुत अच्छी है। साथ ही इन चारों वकीलों के खिलाफ कुछ भी देखने को नहीं मिला है। जिन चार वकीलों के नामों की सिफारिश की गई है, उनके नाम हैं-सवानूर विश्वजीत शेट्टी, मरालुर इंद्रकुमार अरुण, मुहम्मद गौस शुकुरे कमल और एंगलागुप्पे सीतारमैया इंद्रेश।

शेट्टी का नाम न्याय विभाग ने पुनर्विचार के लिए कोलेजियम के पास भेजा था। सवानूर विश्वजीत शेट्टी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज है। इसमें बताया गया है कि उनका अंडरव‌र्ल्ड और भूमाफियों से संबंध है। यह गिरोह फिरौती की रकम वसूलने का काम करता है।

हालांकि कोलेजियम ने कहा कि शिकायत से संबंधित आरोपों की पुष्टि नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सभी परामर्शदाता जजों ने उन्हें चयन के लिए उपयुक्त पाया है। कोलेजियम में चीफ जस्टिस गोगोई के अलावा, जस्टिस एसए बोबडे और एनवी रमन्ना भी शामिल हैं।

न्याय विभाग ने अरुण का नाम कोलेजियम के पास वापस भेजते हुए कहा कि उनके खिलाफ शिकायत दर्ज है। उनका प्रोफेशनल कैरियर साफ और पारदर्शी नहीं रहा है। वह कई भ्रष्ट आचरणों में लिप्त रहें हैं। इसीतरह कमल का नाम भी न्याय विभाग ने विचार करने के लिए कोलेजियम को वापस लौटा दिया था।

अकील कुरैशी पर फैसला बाकी

गुजरात हाईकोर्ट के जज अकील कुरैशी को त्रिपुरा हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने पर सरकार को अभी फैसला लेना बाकी है। जबकि सरकार ने सात अन्य हाईकोर्टो के सात मुख्य न्यायाधीशों को नियुक्त कर दिया है।


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