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नागरिकता संशोधन विधेयक में विपक्ष के सभी संशोधन हुए नामंजूर

विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में विपक्ष की ओर से पेश सभी संशोधन नामंजूर हो गए।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 09:34 PM (IST)Updated: Mon, 31 Dec 2018 09:34 PM (IST)
नागरिकता संशोधन विधेयक में विपक्ष के सभी संशोधन हुए नामंजूर

 नई दिल्ली, प्रेट्र। विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में विपक्ष की ओर से पेश सभी संशोधन नामंजूर हो गए। इस विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों को भारत की नागरिकता प्रदान करने की मांग की गई है।

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अब भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल की अध्यक्षता वाली जेपीसी तीन जनवरी को होने वाली अपनी अगली बैठक में मसौदे को अंतिम रूप देगी। अगले सप्ताह लोकसभा में अपने मूल रूप में विधेयक को पेश किया जाएगा।

बैठक में शामिल राज्यसभा के एक सदस्य ने बताया कि सोमवार को हुई जेपीसी की बैठक में विपक्ष द्वारा रखे गए सभी संशोधन नामंजूर हो गए। 30 सदस्यीय समिति में भाजपा को संख्या बल का लाभ मिला। विपक्ष की ओर से पेश हर संशोधन के खंड पर हुए मतदान में इसका असर स्पष्ट रूप से देखा गया।

समिति में अग्रवाल सहित भाजपा के 14 सदस्य हैं। कांग्रेस के चार जबकि तृणमूल कांग्रेस और बीजू जनता दल के दो-दो, शिवसेना, जदयू, टीआरएस, तेदेपा, माकपा, अन्नाद्रमुक, सपा, बसपा के एक-एक सदस्य शामिल हैं।

क्या है संशोधन विधेयक
इस विधेयक में नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन की मांग की गई है। अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित लोगों को भारत में 12 साल की जगह छह वर्ष निवास करने के बाद नागरिकता प्रदान करने की मांग की गई है। ऐसे लोगों के पास कोई उचित दस्तावेज नहीं होने पर भी नागरिकता दी जा सकेगी। इन तीनों देशों में हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय अल्पसंख्यक हैं। 2014 के आम चुनाव में भाजपा ने इसका वादा किया था।


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