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VIDEO: भारत में भी है अमेरिका के नियाग्रा जैसा जलप्रपात, राष्‍ट्रपति भी करेंगे इसका दीदार

980 फिट चौड़ा और करीब 98 फिट ऊंचा यह देश का सबसे चौड़ा जलप्रपात है। आकार में घोड़े की नाल की तरह होने की वजह से इसे भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 24 Jul 2018 01:38 PM (IST)Updated: Wed, 25 Jul 2018 12:05 PM (IST)
VIDEO: भारत में भी है अमेरिका के नियाग्रा जैसा जलप्रपात, राष्‍ट्रपति भी करेंगे इसका दीदार
VIDEO: भारत में भी है अमेरिका के नियाग्रा जैसा जलप्रपात, राष्‍ट्रपति भी करेंगे इसका दीदार

जगदलपुर [हेमंत कश्यप]। बस्तर का विश्वप्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात इस समय अपने पूरे शबाब पर है। पिछले तीन-चार दिनों से यहां लगातार हो रही बारिश के बाद इसका अनूठा स्वरूप देखने को मिला। 3 साल बाद यहां अच्छी बारिश हुई है और इससे अब इस जलप्रपात का वास्तविक विहंगम दृष्य उभर कर सामने आया है। सोमवार को मौसम खुलने के बाद करीब 10 हजार लोग यहां इस नजारे को देखने पहुंचे। लोगों के इसके प्रति आकर्षण और जलप्रपात के विहंगम स्वरूप को देखते हुए प्रशासन ने यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।

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राष्ट्रपति भी देखेंगे नजारा 

अपने दो दिवसीय दौरे पर बस्तर आ रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी चित्रकोट के इस विहंगम नजारे को देखेंगे। उनके यहां आने को लेकर प्रशासन जोर-शोर से तैयारी कर रहा है। वॉटर फॉल का मनोरम दृष्य रात में रंगीन रौशनी के साथ और भी खूबसूरत छटा बिखेर रहा है। दिन के वक्त तो यह नजारा लाजवाब नजर आता है।

देश का सबसे चौड़ा जलप्रपात

980 फिट चौड़ा और करीब 98 फिट ऊंचा यह देश का सबसे चौड़ा जलप्रपात है। आकार में घोड़े की नाल की तरह होने की वजह से इसे भारत का 'नियाग्रा" भी कहा जाता है। परी समीक्षकों ने इस प्रपात को आनन्द और आतंक का मिलाप माना है। बस्तर में स्थित यह जलप्रपात भारत के छह भौगोलिक विरासतों वाले जलप्रपात में से एक है। 90 फुट ऊपर से इन्द्रावती की ओजस्विन धारा गर्जना करते हुये गिरती है। इसके बहाव में इन्द्रधनुष का मनोरम दृश्य, आल्हादकारी है।

इन्द्रावती नदी पर यह जलप्रपात

इंद्रावती नदी पर स्थित यह जलप्रपात राजधानी रायपुर से 340 किलोमीटर और जगदलपुर से 39 किमी दूर इन्द्रावती नदी पर यह जलप्रपात बनता है। इंद्रावती आगे चलकर गोदावरी में मिल जाती है। वॉटर फॉल में मगरमच्छ और कैट फिश्‍ा जिसे स्थानीय भाषा में बोर मछली कहते हैं, बहुतायात में देखी जा सकती हैं। पर्यटकों के रूझान को देखते हुए यहां कई हॉटल्स भी स्थापित किए गए हैं। जगदलपुर से सीधे रायपुर और विशाखापट्टनम से फ्लाइट की सुविधा है और कई राज्यों से जगदलपुर स्टेशन ट्रेन रूट से भी जुड़ा है। यह बस्तर संभाग का सबसे प्रमुख जलप्रपात माना जाता है।

रंग-बिरंगे जलप्रपात का ऐसा नजारा
रात के अंधेरे के बीच सतरंगी रौशनी जब इस जलधारा पर पड़ी और देशभक्ती से भरे संगीत की स्वरलहरियां गूंजी तो तन-मन उत्साह से भर गया। यह नजारा है देश के सबसे चौड़े जलप्रपात चित्रकोट का। मुंबई की एक कंपनी ने जलप्रपात के दोनों किनारों पर लाइट एण्ड साउंड सिस्टम स्थापित किया है। जिसे करीब 30 इंजीनियर्स और टेक्नीशियन की टीम ऑपरेट करेगी। बता दें कि इस समय बस्तर में पिछले चार साल बाद काफी अच्छी बारिश हुई है। इस वजह से चित्रकोट जलप्रपात पूरी तरह अपने वास्तविक स्वरूप में है।

क्या देखेंगे राष्ट्रपति

चित्रकोट जलप्रपात: जगदलपुर से 39 किमी दूर स्थित इस जलप्रपात को भारत का नियाग्रा कहा जाता है। इंद्रावती नदी पर स्थित चित्रकोट जलप्रपात 90 फीट की ऊंचाई से तेज गर्जना के साथ गिरता है।

जावंगा एजुकेशन सिटी: यह सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों में शामिल दंतेवाड़ा जिले में है। 170 एकड़ में बने इस शिक्षा केंद्र में प्राथमिक से लेकर उच्च और तकनीकी शिक्षा की सर्व सुविधायुक्त व्यवस्था है।

जैविक खेती: पिछड़ा कहे जाने वाले दंतेवाड़ा के किसानों के स्वसहायता समूहों ने जैविक खेती शुरू की है। अब उन्होंने एक कंपनी स्थापित कर ली है। उनके उत्पाद की मांग देश से लेकर विदेशों तक से आ रही है।


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