VIDEO: 27 घंटे कहां गायब थे चिदंबरम, गिरफ्तारी से पहले खुद किया खुलासा
चिदंबरम ने कहा कि मेरे ऊपर आरोप लगाए जा रहे हैं कि मैं कानून का सामना करने से बचते हुए भाग रहा हूं। लेकिन मैं कानून के साथ हूं और बीते एक दिन से मैं वकीलों के साथ हूं।
नई दिल्ली, जेएनएन। भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तारी के संकट का सामना कर रहे पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम बुधवार को 27 घंटे बाद सबके सामने आए। वह रात करीब 8 बजे अचानक कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे और मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा। चिदंबरम ने खुद के फरार होने की खबरों को खारिज करते हुए कहा कि मुझे और मेरे बेटे कार्ति चिदंबरम को फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं आईएनएक्स मीडिया केस में आरोपी नहीं हूं। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं और मेरा परिवार किसी केस में आरोपी नहीं है। चिदंबरम ने मीडिया से कहा, 'स्वतंत्रता लोकतंत्र की सबसे बड़ी जीत है।'
#WATCH Congress leader P Chidambaram at AICC HQ says, "In INX Media case, I've not been accused of any offence nor any one else incl any member of my family. There is no charge sheet filed by either ED or CBI before a competent court." pic.twitter.com/sIVltpVDIT
— ANI (@ANI) August 21, 2019
चिदंबरम ने कहा कि मेरे ऊपर आरोप लगाए जा रहे हैं कि मैं कानून का सामना करने से बचते हुए भाग रहा हूं। लेकिन, मैं कानून के साथ हूं और बीते एक दिन से मैं वकीलों के साथ हूं। रातभर मैं वकीलों के साथ दस्तावेज तैयार कर रहा था।' चिदंबरम ने कांग्रेस मुख्यालय में दिग्गज नेताओं के साथ बैठकर मीडिया के सामने लिखा हुआ भाषण पढ़ा और फिर बिना किसी सवाल का जवाब दिए ही उठकर चल दिए। मीडिया से बात करने के बाद करीब 15 मिनट में ही पी. चिदंबरम अपने जोर बाग स्थित घर पहुंच गए। 'लापता' रहने की बात पर पी चिदंबरम ने कहा- रात से वकीलों के साथ दस्तावेज तैयार कर रहा था।
चिदंबरम के बचाव के लिए दौड़ते रहे वरिष्ठ वकील, नही मिली राहत
सीबीआइ की ओर से पी चिदंबरम के खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस के बीच सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने की तलाश में बुधवार को दिन भर उनके वकील दौड़ लगाते रहे लेकिन राहत नहीं मिली। सुबह दस बजे ही चिदंबरम की ओर से पक्ष रखने और कोर्ट से अंतरिम राहत मांगने के लिए देश के दिग्गज वकील कोर्ट पहुंच गए थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और दिग्गज वकील कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद, विवेक तन्खा के अलावा वरिष्ठ वकील इंद्रा जयसिंह, राकेश कुमार खन्ना, दयानकृष्णन और उनके साथ जूनियर वकीलों की लंबी लाइन सुबह से ही जस्टिस एनवी रमना, एम शांतनगौडर और अजय रस्तोगी की कोर्ट मे जमी थी। जैसे ही कोर्ट बैठी कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्होंने हाईकोर्ट के खिलाफ याचिका दाखिल की है जब तक कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई करता है तब तक के लिए गिरफ्तारी से छूट दे दी जाए।
सीबीआइ ने अर्जी का किया विरोध
लेकिन तभी कैविएट दाखिल कर पहले से कोर्ट में मौजूद सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीबीआइ की ओर से चिदंबरम की अर्जी का विरोध किया। मेहता ने कहा कि मामला गंभीर है कोर्ट तथ्यों को देखे। इन दलीलों पर जस्टिस रमना ने कहा कि वह मामले को मुख्य न्यायाधीश के पास भेज रहे हैं वही केस को सुनवाई के लिए लगाने का निर्देश देंगे। जस्टिस रमना ने याचिका की खामियां दूर होने होने पर केस को सुनवाई के लिए लिस्ट करने के लिए मुख्य न्यायाधीश के समक्ष पेश करने का आदेश दिया। इस पर सिब्बल ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश संविधान पीठ मे बैठे है जहां मेंशनिंग नहीं हो सकती इसीलिए वह इस पीठ के समक्ष सुनवाई की मांग कर रहे हैं। जस्टिस रमना ने कहा कि वह तुरंत मामले को वहां भेज रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश फैसला लेंगे। हो सकता है वह भोजनावकाश में फाइल देखकर निर्णय लें।
दोपहर मे दो बजे कपिल सिब्बल और सभी वकीलों की टीम फिर से जस्टिस रमना की कोर्ट पहुंची और कहा कि अभी तक केस लिस्ट होने का कोई आदेश नहीं हुआ है। जस्टिस रमना ने कहा कि उन्होंने सुबह ही फाइल भेज दी थी। सामान्य मामलों में शाम को फाइलें मुख्य न्यायाधीश के पास जाती हैं लेकिन इसे उन्होंने तुरंत भेजा था। कोर्ट ने संबंधित रजिस्ट्रार को बुलाया ताकि पता चल सके कि क्या आदेश हुआ। रजिस्ट्रार ने बताया कि याचिका में खामियां थीं जो कि अभी तत्काल दूर की गई हैं।
सीबीआइ ने दाखिल की कैविएट
इसके अलावा मामले में सीबीआइ की ओर से कैविएट दाखिल है ऐसे में याचिका की प्रति कैविएटर को दी जाएगी। मालूम हो कि कैविएट का मतलब होता है कि उस पक्ष को सुने बगैर कोर्ट एकतरफा आदेश पारित न करे। सिब्बल ने कहा कि उन्होंने याचिका की खामियां दूर कर दी हैं और कैविएटर को प्रति भी दे दी है। इस पर पीठ ने रजिस्ट्रार से पूछा कि अब क्या रहता है। रजिस्ट्रार ने कहा कि अब मामला सुनवाई के लिए लग सकता है। कोर्ट ने मामले को फिर मुख्य न्यायाधीश के सामने पेश करने का आदेश दिया लेकिन तबतक दोबारा मुख्य न्यायाधीश अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए संविधान पीठ में बैठ चुके थे इसलिए चिदंबरम के वकीलों को शाम चार बजे अयोध्या की सुनवाई खत्म होने का इंतजार करना पड़ा।
शाम चार बजे जब सुनवाई खत्म होने वाली थी उस वक्त सिब्बल और सारे वकील मुख्य न्यायाधीश की अदालत में पहुंचे हालांकि उन्होंने मामला मेंशन नहीं किया और पीठ ने भी कोई टिप्पणी नहीं की और अयोध्या की सुनवाई समाप्त होने के बाद कोर्ट उठ गई। कोर्ट उठने के बाद वकीलों की टीम फिर से रजिस्ट्रार के पास पहुंची ताकि केस पर सुनवाई की स्थिति पता चल सके। करीब आधा घंटा कोर्ट मे वकीलों की अफरा तफरी जारी रही इसके बाद उन्हें रजिस्ट्रार ने बताया कि केस को शुक्रवार को सुनवाई के लिए लगाया जाएगा।
चिदंबरम ने मांगी है अंतरिम जमानत और गिरफ्तारी पर रोक
चिदंबरम ने याचिका में हाईकोर्ट के आदेश का विरोध करते हुए अंतरिम जमानत मांगी है और साथ ही हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने की भी मांग की है। उन्होंने आरोपों को गलत बताते हुए हाईकोर्ट का आदेश रद करने की भी मांग की है।