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अर्थव्यवस्था पर सरकार का आश्वासन लगता है 'ज्योतिष की भविष्यवाणी' - पी. चिदंबरम

चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर अर्थव्यवस्था को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार के पास खर्च करने के लिए पैसा नहीं है और वह आंकड़ों के माध्यम से इसे छुपाने की कोशिश कर रही है।

By TaniskEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 02:18 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 02:18 PM (IST)
अर्थव्यवस्था पर सरकार का आश्वासन लगता है 'ज्योतिष की भविष्यवाणी' - पी. चिदंबरम
अर्थव्यवस्था पर सरकार का आश्वासन लगता है 'ज्योतिष की भविष्यवाणी' - पी. चिदंबरम

नई दिल्ली, आइएएनएस। कांग्रेस के वरीष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर अर्थव्यवस्था को लेकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार के पास खर्च करने के लिए पैसा नहीं है और वह आंकड़ों के माध्यम से इसे छुपाने की कोशिश कर रही है। चिदंबरम ने यह बात राज्यसभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा को शुरू करते हुए कही। उन्होंने कहा,' आपके पास पैसा नहीं है। आप इसे आंकड़ों के माध्यम से इसे छुपा रहे हैं। ये आंकड़ें विश्वास योग्य नहीं हैं। उन्होंने इस दौरान अर्थव्यवस्था पर सरकार के आश्वासन की तुलना "एक ज्योतिषी'' से की, जो अपने ग्राहक को बताता है कि ग्रहों के दूसरे घर में जाने के बाद भाग्य बदल जाएगा। 

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पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा कि सरकार द्वारा कम-से-कम कर वाले अधिकारियों को नोटिस जारी करने की शक्ति देने के बावजूद कॉर्पोरेट टैक्स, व्यक्तिगत आयकर, सीमा शुल्क और जीएसटी जैसे विभिन्न प्रमुख करों  में भारी कमी रही। चिदंबरम ने आगे कहा 'आपने 16.49 लाख करोड़ रुपये (वर्तमान वित्तीय वर्ष में) का शुद्ध कर राजस्व जुटाने का वादा किया था। दिसंबर तक, आपने केवल 9 लाख करोड़ रुपये एकत्र किए हैं और आपने हमें यह विश्वास करने के लिए कहा है कि वर्ष के अंत में आप 15 लाख करोड़ रुपये एकत्र करेंगे।'

केवल 11.78 लाख करोड़ रुपये ही खर्च कर सकी सरकार

चिदंबरम ने  चालू वित्त वर्ष में खर्च पर खराब प्रदर्शन के लिए सरकार पर हमला किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने वित्त वर्ष 2020 में 27 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का वादा किया था, लेकिन दिसंबर तक यह केवल 11.78 लाख करोड़ रुपये ही खर्च कर सकी।

हमेशा पिछली सरकार को इसके लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि छह लगातार तिमाहियों के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में गिरावट दर्ज हुई है और सातवीं तिमाही भी कोई बेहतर नहीं रहने वाला है। इसके इतर सरकार ने बार-बार कहा है कि विकास दर  में वृद्धि होगी। उन्होंने आर्थिक संकट का प्रबंधन करने की सरकार की क्षमता पर सवाल उठाया और कहा कि हमेशा पिछली सरकार को इसके लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने इसी दौरान अर्थव्यवस्था पर सरकार के आश्वासन की तुलना "एक ज्योतिषी'' से की, जो अपने ग्राहक को बताता है कि ग्रहों के दूसरे घर में जाने के बाद भाग्य बदल जाएगा। चिदंबरम ने कहा कि देश ने 1997, 2008 और 2013 में आर्थिक सुर्खियों का सामना किया था। उन्होंने साथ ही कहा कि स्थिति खराब हो सकती है, लेकिन आपको पता होना चाहिए कि इसे कैसे निपटा जाए। 


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