Mob Lynching के पीड़ितों को मिलेगा मुआवजा, छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला
Mob Lynching पीड़ितों को छत्तीसगढ़ सरकार ने मुआवजा देने का फैसला किया है।इस तरह की घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को सरकार तीन लाख रुपये की सहायता देगी।
संजीत कुमार, रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार उन्मादी हिंसा (Mob Lynching) पीड़ितों को मुआवजा देगी। इसके लिए उसने 2011 में बने पीड़ित क्षतिपूर्ति कानून में संशोधन किया है। अब इस तरह की घटना में जान गंवाने वालों के परिजनों को सरकार तीन लाख रुपये की सहायता देगी। गृह विभाग के अफसरों के पीड़ितों को अधिकतम तीन लाख से 25 हजार रुपये तक मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है। मानसिक पीड़ा, शैक्षणिक अवसर और जीविकोपार्जन की क्षति पर भी मुआवजा मिलेगा। नियमानुसार घटना के 30 दिन के भीतर पीड़ित को 25 फीसद अंतरिम राहत राशि दी जाएगी।
नाबालिग पीड़ित को 50 फीसद अधिक मुआवजा
उन्मादी हिंसा के पीड़ित के नाबालिग होने की स्थिति में 50 फीसद अतिरिक्त राहत राशि दी जाएगी। 80 फीसद दिव्यांग होने की स्थिति में दो लाख रुपये और यदि वह नाबालिग है तो यह राशि तीन लाख रुपये हो जाएगी।
नि:शुल्क होगा इलाज
उन्मादी हिंसा पीड़ितों के इलाज की भी व्यवस्था सरकार करेगी। पीड़ित को नि:शुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। शुल्क लेने की आवश्यकता भी पड़ी तो केवल वास्तविक मूल्य ही लिया जाएगा।
उन्मादी हिंसा पीड़ितों के लिए तय मुआवजा
जीवन क्षति : 3 लाख
80 फीसद या उससे अधिक दिव्यांगता : 2 लाख
40 से 80 फीसद तक दिव्यांगता : 1 लाख
40 फीसद से कम दिव्यांगता : 50 हजार
मानसिक पीड़ा : 25 हजार
पीड़ित का पुनर्वास : 1 लाख
शैक्षणिक अवसरों की क्षति : 50 हजार
जीविकोपार्जन के साधनों की क्षति : मूल्यांकन के आधार पर
आपराधिक घटनाओं के पीड़ितों को एक लाख का मुआवजा
आपराधिक घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजा देने का नियम पहले से है। ऐसी घटनाओं में मृत्यु पर एक लाख रुपये दिया जाता है। एसीड अटैक पीड़ित को 50 हजार, दुष्कर्म पीड़िता को 25 से 50 हजार तक मुआवजा देने का प्रावधान है।
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