छत्तीसगढ़ में वाट्सएप से वीडियो कॉल हैकिंग की होगी जांच, सरकार ने बनाई कमेटी, जानें क्या है मामला
वाट्सएप के जरिए फोन टेपिंग के मामले की छत्तीसगढ़ में जांच होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जागरण की खबर को संज्ञान में लेते हुए जांच का आदेश दिया है।
रायपुर, राज्य ब्यूरो। वाट्सएप के जरिए फोन टेपिंग के मामले की छत्तीसगढ़ में जांच होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जागरण की खबर को संज्ञान में लेते हुए जांच का आदेश दिया है। जांच के लिए गृह सचिव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। जांच कमेटी में रायपुर आइजी और जनसंपर्क संचालक तारण सिन्हा शामिल हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ऐसी शिकायतें गंभीर प्रकृति की है, क्योंकि ये नागरिकों की स्वतंत्रता की हनन से जुड़ा प्रश्न है। इन शिकायतों की जांच कराया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जांच समिति विस्तृत जांच रिपोर्ट और तथ्यात्मक प्रतिवेदन एक महीने में देगी। डीजीपी समिति को जांच के लिए सभी आवश्यक सहयोग प्रदान करेंगे। जासूसी करना जासूसों का काम है। वो इसे करते रहेंगे, नागरिकों की निजता को सुरक्षित रखना मेरी जिम्मेदारी है। मैं भी इसे करता रहूंगा।
चुनिंदा लोगों की जासूसी की और फोन टेप किया
वाट्सएप के जरिए इजराइली कंपनी एनएसओ ग्रुप ने पेगासस साफ्टवेयर से चुनिंदा लोगों की जासूसी की और फोन टेप किया। पेगासस नामक खतरनाक स्पाईवेयर ने विश्व के 1400 लोगों का वाट्सअप हैक किया था। देश के 100 से ज्यादा लोग शामिल हैं, जिसमें 19 ने पुष्टि की थी। छत्तीसगढ़ में चार लोग छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन (सीबीए) के संयोजक आलोक शुक्ला, सामाजिक कार्यकर्ता डिग्री प्रसाद चौहान, शालिनी गेरा और शुभ्रांशु चौधरी के वाट्स वीडियो कॉल हैक करने की पुष्टि हुई है। सीबीए के आलोक शुक्ला ने बताया कि कुछ माह पूर्व अंतरराष्ट्रीय नंबर से वाट्सएप पर वीडियो कॉल के मिस कॉल आ रहे थे। कुछ 44 नंबर से शुरुआत थी। 29 अक्टूबर को जब वाट्सएप ने संदेश भेजकर जानकारी दी कि वाट्सएप के जरिए मेरे फोन को हैक कर सर्विलांस में लिया गया हैं।
सरकार का फैसला सही: अकबर
वाट्सएप से जासूसी मामले पर जांच कराए जाने के ऐलान को वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने सही फैसला बताया है। उन्होंने कहा कि फोन टेपिंग का मामला गंभीर होता है। किसी राज्य शासन द्वारा इसे संज्ञान में लेकर जांच की कार्रवाई की जाती है, तो यह होना चाहिए। यदि कोई नियम विरुद्ध काम करता है, उसे भयभीत होने की जरूरत है। जो सही रास्ते पर चल रहा है, उसे भयभीत होने की जरूरत नहीं है।
छवि सुधारने की कोशिश: भाजपा
भाजपा ने इस फैसले को सरकार पर छवि सुधारने का प्रयास बताया है। प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि इस देश में कानून और संविधान है। निजता का हनन नहीं होना चाहिए। लेकिन जिस तरीके से पिछले दिनों निलंबित आइपीएस मुकेश गुप्ता के मामले में जांच चल रही थी, उसमें मुकेश गुप्ता का यह आरोप कि सरकार उसके परिवार की फोन टेपिंग कर रही है। सरकार ने इसे कोर्ट में भी स्वीकार किया था। ऐसे समय में भूपेश बघेल सरकार की छवि खराब हुई। इस पूरे विषय को डायवर्ट करने और अपनी छवि सुधरने के लिए जांच कमेटी बनाई है।
इंस्टॉल होने के बाद पूरी सूचना करते थे हैक
यह इजरायल स्थित एनएसओ समूह तथा उसकी मूल कंपनी ऊ साइबर टेक्नोलॉजी द्वारा उत्पादित हैं। यह स्पाईवेयर बाजार में उपलब्ध सबसे परिष्कृत स्पाईवेयर में से एक है। एक बार इंस्टॉल हो जाने पर यह उपयोगकर्ता की जानकारी के बिना उसके यंत्र के समस्त सामग्री को एक सुदूर संचालक को उपलब्ध करा देता हैं। इसमें उनके पासवर्ड, संपर्क सूची, कॉल लॉग, लिखित संदेश, ध्वनित कॉल शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को लगाई थी कड़ी फटकार
पिछले 4 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी मुकेश गुप्ता और उनके परिवार के सदस्यों के फोन टैपिंग मामले में गहरी नाराजगी जताई थी। अदालत ने छत्तीसगढ़ सरकार की कार्रवाई पर सोमवार को तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या किसी के लिए भी निजता नहीं बची है। न्यायालय ने छत्तीसगढ़ सरकार से जानना चाहा कि क्या इस तरह से किसी भी व्यक्ति के निजता के अधिकारों का हनन किया जा सकता है।
जस्टिस अरुण मिश्रा और इंदिरा बनर्जी की पीठ ने छत्तीसगढ़ सरकार को मामले में विस्तृत हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने छत्तीसगढ़ सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह हलफनामे में यह भी बताए कि फोन टैपिंग का आदेश किसने दिया और ऐसा आदेश किन वजहों से दिया गया।