केंद्र सरकार पर राहुल का निशाना,कहा- बदलाव से RTI एक्ट होगा कमजोर
आरटीआई अधिनियम में प्रस्तावित बदलाव को लेकर जारी विरोध का समर्थन करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बदलाव से यह अधिनियम निरर्थक हो जाएगा।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम में प्रस्तावित बदलाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बदलाव से यह कानून बेकार हो जाएगा। बता दें कि आरटीआई कानून में सरकार द्वारा बदलाव की तैयारी का जमकर विरोध हो रहा है। इस बदलाव का विरोध कर रहे लोगों का आरोप है कि सरकार इस कानून को कमजोर करने की तैयारी में है।
गौरतलब है कि संशोधन के जरिए सरकार सूचना आयुक्तों का कार्यकाल और वेतन का अधिकार अपने हाथ में लेने की तैयारी में है। राहुल ने ट्वीट कर कहा है कि ‘प्रत्येक भारतीय को सच्चाई जानने का अधिकार है और भाजपा सच्चाई छिपाना चाहती है। भाजपा का मानना है कि सच्चाई को लोगों से छिपाना जरूरी है और सत्ता के लोगों से उन्हें सवाल नहीं करना चाहिए। आरटीआई में प्रस्तावित बदलाव इस अधिनियम को निरर्थक बना देगा।‘
उन्होंने आगे कहा कि जो बदलाव प्रस्तावित किया गया है उसका विरोध हर भारतीय द्वारा किया जाना चाहिए। सरकार ने बुधवार को बताया कि आरटीआई एक्ट 2005 में प्रस्तावित संशोधन को लेकर विचार किया जा रहा है। इस संशोधन के तहत सीआइसी व आइसी के सर्विसेज व वेतन को लेकर नियम बनाने का प्रावधान होगा।
सूचना का अधिकार अधिनियम 15 जून 2005 को संसद से पास किया गया था, लेकिन इससे पहले इस एक्ट को संसद की स्थायी समिति के पास विचार-विमर्श के लिए भेजा गया था। शुरू में ऐसा आंका गया था कि मुख्य सूचना आयुक्त का वेतन केंद्र सरकार के सचिव के वेतन के तर्ज पर रखा जाएगा और सूचना आयुक्त का वेतन भारत सरकार के संयुक्त सचिव या अतिरिक्त सचिव के बराबर रखा जाएगा।
केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में दिए गए लिखित जवाब में बताया,‘ मौजूदा सत्र के दौरान राज्यसभा में आरटीआई संशोधन विधेयक, 2018 को पारित करने का नोटिस दिया गया है।‘ उनसे विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने कहा था कि स अधिनियम में किसी तरह के संशोधन लाने या इसे कमजोर करने की कोशिश का वे विरोध करेंगे।
इस आरटीआई संशोधन के खिलाफ एक ऑनलाइन याचिका भी डाली गई है जिसे अभी तक 16,000 से ज्यादा लोगों ने साइन किया है।