कांग्रेस में किश्तों में बदलाव: राहुल को रास नहीं आ रही पुरानी पीढ़ी, शिंदे का भी पत्ता साफ
पार्टी की कमान संभालने के बाद से राहुल बीते चार महीने से संगठनात्मक बदलाव को किश्तों में सिरे चढ़ा रहे हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कांग्रेस संगठन में बदलाव का सिलसिला जारी रखते हुए राहुल गांधी ने पुराने दिग्गज सुशील कुमार शिंदे को महासचिव पद से मुक्त कर दिया है। शिंदे की जगह राज्यसभा सांसद रजनी पाटिल को हिमाचल प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है। वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक नदीम जावेद को पार्टी के अल्पसंख्यक विभाग का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है।
-सुशील कुमार शिंदे को महासचिव पद से हटाकर रजनी को बनाया हिमाचल का प्रभारी
-उत्तर प्रदेश के नदीम जावेद को पार्टी अल्पसंख्यक विभाग का प्रमुख बनाया
पार्टी की कमान संभालने के बाद से राहुल बीते चार महीने से संगठनात्मक बदलाव को किश्तों में सिरे चढ़ा रहे हैं। शिंदे को महासचिव पद से मुक्त किया जाना पार्टी की अंदरुनी सियासत के हिसाब से खास मायने रखता है। क्योंकि शिंदे हमेशा से गांधी परिवार और दस जनपथ के सबसे भरोसेमंद नेताओं में रहे हैं। पिछले साल हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें फिर से महासचिव बनाकर वापस संगठन में लाया गया था और हाईकमान के साथ उनके निजी रिश्ते अभी भी उसी पैमाने पर है। इसीलिए कांग्रेस के अंदरुनी हलकों में शिंदे को पदमुक्त करने के राहुल के निर्णय को एक राजनीतिक संकेत के रुप में देखा जा रहा है। हालांकि शिंदे से पहले दिग्विजय सिंह जैसे दिग्गज हों या फिर बीके हरिप्रसाद, मोहन प्रकाश इन सभी को भी राहुल की संगठनात्मक टीम से बाहर कर दिया गया था।
कई पुराने अहम चेहरों की मौजूदगी के बावजूद नदीम जावेद को कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग का अध्यक्ष नियुक्त किया जाना यह साफ दर्शाता है कि राहुल पार्टी संगठन को धीरे-धीरे पुरानी पीढ़ी के प्रभाव से निकालने की ओर अग्रसर हैं। उत्तर प्रदेश की पिछली विधानसभा में विधायक रहे नदीम पार्टी के मीडिया पैनलिस्ट हैं और एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं।
पार्टी संगठन में बदलाव की इस कसरत के तहत राहुल ने दो नये चेहरों राजेश लिलोठिया और वीरेंद्र सिंह राठौर को बिहार का प्रभारी सचिव नियुक्त किया है। जबकि जितेंद्र बघेल और विश्वरंजन मोहंती को गुजरात का एआइसीसी सचिव बनाया गया है।