केंद्र सरकार ने संसद में कहा, सीमा पर चीन की हरकतों ने क्षेत्र में शांति भंग की
केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पूर्वस्थिति में एकतरफा बदलाव करने की कोशिश करके क्षेत्र में शांति को भंग किया है। भारतीय सशस्त्र बलों ने इन प्रयासों का माकूल जवाब दिया है।
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पूर्वस्थिति में एकतरफा बदलाव करने की कोशिश करके क्षेत्र में शांति को भंग किया है। भारतीय सशस्त्र बलों ने इन प्रयासों का माकूल जवाब दिया है और चीनी पक्ष को स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी एकतरफा कोशिश कतई स्वीकार नहीं की जाएगी।
विदेश राज्यमंत्री ने कहा, चीन ने एलएसी पर पूर्वस्थिति में एकतरफा बदलाव का प्रयास किया
चीन के साथ सीमा के मुद्दे पर एक सवाल के लिखित जवाब में विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने बताया कि दोनों पक्षों ने वार्ता के जरिये निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर सहमति व्यक्त की है। साथ ही दोनों पक्षों ने इस बात पर भी सहमति जताई है कि सीमा मसले का लंबित अंतिम समाधान और सीमावर्ती इलाकों में शांति व सद्भाव बनाए रखना द्विपक्षीय रिश्तों के समग्र विकास के लिए बेहद जरूरी है।
भारतीय सशस्त्र बलों ने दिया दुस्साहस का माकूल जवाब
विदेश राज्यमंत्री ने कहा, 'हालांकि, अप्रैल/मई, 2020 से चीनी पक्ष ने पश्चिम सेक्टर में एलएसी पर पूर्वस्थिति में एकतरफा बदलाव करने के कई प्रयास किए और हमारे सशस्त्र बलों ने ऐसे प्रयासों का माकूल जबाव दिया है।' बता दें कि सरकार अक्सर पूर्वी लद्दाख का उल्लेख पश्चिम सेक्टर के रूप में करती है।
चीन को किया साफ- ऐसी एकतरफा कोशिश कतई स्वीकार नहीं
चीन के साथ संबंधों को जटिल बताते हुए मुरलीधरन ने कहा, 'पिछले कुछ वर्षों में दोनों पक्षों ने अपने मतभेदों को दूर करने और किसी मुद्दे को विवाद का रूप लेने की अनुमति नहीं देने पर सहमति व्यक्त की है।' इसके अलावा दोनों देशों ने इस बात पर भी सहमति जताई है कि संबंधों की भावी दिशा का निर्धारण एक दूसरे के विकास की आकांक्षाओं के लिए आपसी सम्मान पर हो जिसमें एक दूसरे की संवेदनशीलता, चिंताओं और आकांक्षाओं के प्रति सम्मान की अहमियत को ध्यान में रखा जाए।
2014 के बाद से 296 एप पर लगाया प्रतिबंध
केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने राज्यसभा को बताया कि देश की संप्रभुता, सुरक्षा और कानून--व्यवस्था के मद्देनजर 2014 के बाद से सरकार ने 296 मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगाया है। धोत्रे ने यह भी बताया कि प्रतिबंध का अनुरोध करने वाले केंद्रीय गृह मंत्रालय को एंड्रायड और आइओएस प्लेटफार्म पर उपलब्ध कुछ चीनी मोबाइल एप के दुरुपयोग के बारे में कई रिपोर्टे प्राप्त हुई थीं। इसमें यूजर्स के वित्तीय डाटा और मोबाइल में उपलब्ध सभी तरह के संभावित डाटा की चोरी और उनका ट्रांसमिशन शामिल है।
राष्ट्रीय सुरक्षा और सीमा पर वर्तमान तनाव के मद्देनजर इसके गंभीर प्रभाव हैं। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि सरकार पहले ही पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल, 2019 संसद में पेश कर चुकी है और फिलहाल यह लोकसभा द्वारा गठित संयुक्त संसदीय समिति के विचाराधीन है। इस विधेयक में भारतीय नागरिकों की निजता और हितों की सुरक्षा के प्रविधान किए गए हैं।