Farmers Protests: केंद्र सरकार खुले मन से किसान संगठनों से वार्ता को तैयार : नरेंद्र सिंह तोमर
Farmers Protests जंतर-मंतर पर जहां आंदोलनकारी किसान संगठनों की किसान संसद लगी वहीं संसद परिसर में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि उन्हें वार्ता में खुले मन से आना चाहिए। सरकार इसके लिए पूरी तरह तैयार है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कृषि सुधार के कानूनों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों से सरकार एक बार फिर बातचीत को तैयार है। जंतर-मंतर पर जहां आंदोलनकारी किसान संगठनों की किसान संसद लगी, वहीं संसद परिसर में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि उन्हें वार्ता में खुले मन से आना चाहिए। सरकार इसके लिए पूरी तरह तैयार है। अगर कृषि कानूनों में कोई आपत्तिजनक प्रविधान है तो सरकार उसके समाधान के लिए तैयार है। वैसे ये कानून किसानों के हित में हैं और फायदेमंद हैं।
आपत्तिजनक प्रविधानों के समाधान का दिया भरोसा
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन का रास्ता छोड़कर वार्ता के लिए आगे आएं। कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय से आंदोलन करने वाले किसान संगठनों की जिद इन कानूनों को रद करने की है, जबकि सरकार इन कानूनों की खामियों पर उनसे चर्चा करने को तैयार है। इस बारे में कई दौर की वार्ता पहले हो चुकी है। लेकिन किसान संगठनों की जिद के चलते वार्ता में इनके प्रविधानों पर कोई चर्चा ही नहीं हो सकी। इसके चलते कई महीनों से गतिरोध बना हुआ है। कृषि कानून विरोधी किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर मोर्चा लगाकर आंदोलन कर रहे हैं। इस दौरान अपने आंदोलन को देशव्यापी बनाने की कोशिश भी की, लेकिन बात नहीं बनी।
कृषि मंत्री तोमर ने गुरुवार को यहां बातचीत में स्पष्ट किया कि अगर किसान संगठनों के नेता कानूनों को लेकर बिंदुवार समस्याएं लेकर आएंगे तभी सरकार उनसे बात करेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि कृषि सुधार कानूनों से किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी। कृषि उपज की खरीद-बिक्री में व्यापारियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिसका लाभ किसानों को होगा।
तोमर ने कहा, किसानों के हित में होने के साथ फायदेमंद भी हैं कृषि कानून
एक सवाल के जवाब में तोमर ने कहा, 'देश ने देखा है कि ये कृषि कानून कितने फायदेमंद हैं। किसानों के हित में हैं। हमने इन कानूनों पर लंबी व विस्तृत चर्चा की है। इसके बावजूद किसान बिंदुवार अपनी समस्याएं बताएं तो हम इन पर चर्चा कर सकते हैं।' कानूनों को रद करने की किसान संगठनों की मांग के बारे में पूछे जाने पर तोमर ने कहा कि इन कानूनों को संसद ने पारित किया है। इन पर विस्तृत चर्चा हुई थी। इसलिए कानूनों को रद करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है।