डाटा प्रोटेक्शन कानून पर राज्यों से विचार मांगेगा केंद्र
डाटा प्रोटेक्शन पर जस्टिस श्रीकृष्ण समिति ने पिछले सप्ताह कानून मंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। समिति ने इस मुद्दे पर कानून का मसौदा प्रस्तावित किया है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रस्तावित डाटा प्रोटेक्शन कानून पर केंद्र शीघ्र ही राज्यों को उनका विचार जानने के लिए पत्र लिखेगा। यह जानकारी बुधवार को कानून एवं आइटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दी। डाटा प्रोटेक्शन पर जस्टिस श्रीकृष्ण समिति ने पिछले सप्ताह कानून मंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। समिति ने इस मुद्दे पर कानून का मसौदा प्रस्तावित किया है।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान प्रसाद ने कहा, 'सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को सचिव डाटा प्रोटेक्शन कानून पर परामर्श के लिए पत्र लिखेंगे। कानून बनाने से पहले मैं यहां एक विस्तृत चर्चा चाहूंगा।' उन्होंने कहा कि डाटा आज एक आवश्यकता है और इसपर एक संतुलित रुख अपनाने की जरूरत है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हमें संतुलित रहकर काम करना है। डाटा उपलब्धता, प्रस्तुतिकरण, इस्तेमाल और निजता के बीच संतुलन रहना चाहिए ताकि भारत ग्लोबल सेंटर बन सके।'
समिति ने अपनी रिपोर्ट में लोगों को अपने डाटा संरक्षण के अधिकार के लिए नए कानून की जरूरत बताई है। उसने कहा है कि न तो निजता का अधिकार और न ही सूचना का अधिकार पूर्ण है। कुछ परिस्थितियों में दोनों को एक दूसरे के खिलाफ संतुलित रखना होगा।
फर्जी समाचारों के खिलाफ तकनीक का इस्तेमाल करे सोशल मीडिया
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म फर्जी समाचार को फैलने से रोकने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करे। उन्होंने कहा कि कंपनियों द्वारा भारत में चुनाव प्रभावित करने के लिए डाटा के दुरुपयोग को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी।
मंत्री ने कहा कि सरकार ने ब्रिटिश पॉलिटिकल कन्सल्टेंसी फर्म कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा भारतीय फेसबुक यूजर्स के डाटा के कथित दुरुपयोग की जांच सीबीआइ को सौंप दी है। प्रश्नकाल के दौरान ही केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोई भी विदेशी उद्यम, फेसबुक या कैंब्रिज एनालिटिका भारतीयों के डाटा का दुरुपयोग नहीं कर सकती हैं।